जिनके तन में विष है भरा, होठों पर हरि नाम।
मित्रों! ऐसे लोग ही, जपते केवल राम।।
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पाँच साल से अधिक
में, आये कितने मोड़।
लेकिन अन्तरजाल
को, नहीं गया मैं छोड़।।
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छोटों को सम्बल
दिया, लिया बड़ों से ज्ञान।
जीवनभर मैंने किया,
हिन्दी का उत्थान।।
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जो अपने व्यवहार
से, करते सीधी चोट।
सोने में गिनवा
रहे, अब वो कितने खोट।।
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मन में छल की गाँठ
ले, चाह रहे हैं नाम।
ऐसे क्या हो
पायेगा, उनका यहाँ निजाम।।
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नित्य प्रकाशित कर
रहा, उच्चारण का अंक।
औरों के हित के
लिए, घिसता कलम मयंक।।
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ब्लॉग या ब्लोगिंग बंद कर देना सही नहीं होगा शास्त्रीजी। ऐसी घटनाएँ होती रहती हैं और ऑनलाइन मीडिया पर यह प्रसारित त्वरित गति से होती है। इस तरह तो आप बहुतों को हतोत्साहित करेंगे और उनलोगों को प्रोत्साहित।
आग्रह है अपने अनुभवों से अपने चाहने वालो और अनुयायियों का मार्गदर्शन कराते रहेंगे और इसे भी एक अनुभव ही माने।
आग्रह है अपने फैसले पे पुनर्विचार करेंगे।
कनिष्क कश्यप has left a new comment on your post ""आज से ब्लॉगिंग बन्द" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक...":
आदरणीय शास्त्री जी
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ has left a new comment on your post ""आज से ब्लॉगिंग बन्द" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक...":
आदरणीय शास्त्री जी आप कुछ ज़्यादा ही हताश और निराश दिख रहे हैं... हम आपके साथ हैं.... आप भी ऐसी बचकानी बातों को दिल पर ले लेते हैं... और आप भी सीधे-सादे ऐसी नामाकूल बातों में आ जाते हैं! यह क्या बात हुई कि ब्लॉगिंग बन्द... परेशान हों आपके दुश्मन आपको परेशान होने की ज़ुरूरत नहीं... एक नई ऊर्जा और स्फूर्ति के साथ आइए ब्लॉगिंग में हां नहीं तो!
Ashok Saluja has left a new comment on your post ""आज से ब्लॉगिंग बन्द" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक...":
शास्त्री जी ये सब बड़ा दुखद है...इसका हल मिलजुल के हल करें। जो सब के लिए सुखद हो।
शुभकामनाये ।
vandana gupta has left a new comment on your post ""आज से ब्लॉगिंग बन्द" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक...":
क्या बात हो गयी आप क्यों बंद कर रहे हैं आपने नहीं जुडना वहाँ तो मत जुडिये मैने भी अब तक नहीं जोडा है कितनी बार कहा है केवलराम ने अब ये जरूरी थोडे है कि हम सभी जगह जुडेँ मगर दूसरे के लिए अपना काम थोडे छोड देंगे ।
आशीष भाई has left a new comment on your post ""आज से ब्लॉगिंग बन्द" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक...":
सबकी बात से मैं भी सहमत हूँ , आदरणीय शास्त्री जी के कारण ही आज कुछ हद तक हिंदी ब्लागिंग सुधरी हैं , इनका होना हमारे लिए बहुत हैं ! धन्यवाद !
I.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
Mukesh Kumar Sinha has left a new comment on your post ""आज से ब्लॉगिंग बन्द" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक...":
मुझे लगता है शास्त्री सर आपने पूरी बात बताई नहीं ........ केवल को खुद आकर बताना चाहिए आखिर बात क्या हुई ...........
वैसे आप सम्मानित हैं, ब्लॉगिंग के स्तम्भ हैं, ऐसा कोई कदम न उठाएँ !!
शुभकामनायें !!
सुशील कुमार जोशी has left a new comment on your post ""आज से ब्लॉगिंग बन्द" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक...":
पुन: विचार करें । आप ब्लागिंग अपने लिये ही नहीं ब्लाग जगत के लिये कर रहे हैं । आपसे अनुरोध है ऐसा ना करें । HARSHVARDHAN has left a new comment on your post ""आज से ब्लॉगिंग बन्द" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक...":
शास्त्री सर जी,,,,
जब तक दोनों पक्ष अपनी बात नहीं रखते है, तब तक इस विषय पर किसी प्रकार की टिप्पणी निर्थक ही रहेगी। सादर
शास्त्री सर जी,,,,
आप ब्लोगिंग के शीर्ष लोगों से एक हैं ... ऐसी धमकियों से डरने वाली कोई बात नहीं है ...
आपका मार्गदर्शन आने वाली पीढ़ी की लिए जरूरी है ... ब्लोगिंग जारी रक्खें ऐसा मेरा आग्रह है ...
आप से हमे थाती मिल रही है ...... आप हमारे आदरणीय हैं .... आप से अनुरोध है आप ऐसा ना करें .... रविकर ने आपकी पोस्ट " "आज से ब्लॉगिंग बन्द" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक... " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
अपने माता-पिता की, देखभाल अविराम ।
ब्लॉग-जगत की कर रहे, गुरु चर्चा निष्काम ।
गुरु चर्चा निष्काम, राम-केवल धमकाया ।
सेत-मेत में सेतु, ब्लॉग ने जहर पिलाया ।
दुष्ट सिद्ध कर हेतु, लगे जब ज्यादा तपने ।
रविकर होते स्वयं, तीर से घायल अपने ॥
हमारे साथ चंद ब्लॉगर्स ने जो कुछ किया है, वह सब आपके सामने है। हम अपना कर्म अनवरत करते रहे और आज भी कर रहे हैं। हम जो कुछ कर रहे हैं वह एक मालिक के अनुग्रह के लिए और सब मानवों के हितार्थ कर रहे हैं। किसी का विरोध या किसी के हौसला तोड़ने वाले वाक्य हमारे पवित्र कर्म को बाधित करने का कोई पर्याप्त कारण कभी नहीं हो सकते, आपके लिए भी यह कारण ब्लॉगिंग छोड़ने के लिए उचित और पर्याप्त नहीं है।
ऐसा लगता है कि आप किन्हीं कारणों से आजकल ज़्यादा संवेदनशील हो गए हैं। आप एक कवि हैं और बच्चों के लिए लिखने वाले बहुत कम कवियों में से एक हैं। बड़े की ग़लती बच्चों को अपने साहित्य से वंचित करके देना न्याय नहीं है।
आप अपनी जगह बरक़रार और क़ायम रहेंगे, ऐसी आशा है।
शुभकामनाएं!
सही निर्णय ।
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया , आदरणीय धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना...हर क्षेत्र में इतने समर्पित लोगो की बहुत कमी है...आपका प्रतिदिन लेखन सभी ब्लॉगरों के लिए प्रेरणा स्रोत है...कृपया जारी रखें...
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