My Dad Wishes Samphors Vuth अनुवादक- डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ ♥♥♥♥♥♥♥♥♥ पिता की आकांक्षाएँ (काव्यानुवाद) मेरे साथ सदा अच्छा हो, यही कामना करते हो। नहीं लड़ूँ मैं कभी किसी से, यही भावना भरते हो।। -- उन्नति के सोपान चढ़ूँ मैं, नीचे कभी न गिर जाऊँ। आप यही इच्छा रखते हो, विजय हमेशा मैं पाऊँ।। -- पूज्य पिता जी आप पुत्र की, देखभाल में लगे हुए। मेरे लिए हमेशा तत्पर, जीवनपथ पर डटे हुए।। -- मेरा हँसना-गाना सुनकर, तुम कितना सुख पाते हो। लेकिन मेरा रुदन देख तुम, दुखित तात हो जाते हो।। -- जीवित रहूँ सदा मैं जग में, दुआ हमेशा करते हो। मेरे सुख का मुस्तैदी से, ध्यान हमेशा धरते हो।। -- तुम हो मेरे पूज्य पिता जी, इस जीवन के दाता हो। मेरा जीवन तुमसे ही है, मेरे तुम्हीं विधाता हो।। -- |
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बुधवार, 28 सितंबर 2022
काव्यानुवाद "पिता की आकांक्षाएँ...by Samphors Vuth" (अनुवादक-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 29.9.22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4567 के 8 लिंकों में शामिल किया गया है| आईएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबाग
बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन।
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