होली हो या नयासाल हो, क्रिसमस-ईद-दिवाली हो। रक्षाबन्धन-प्रेमदिवस हो, या तीजो हरियाली हो।। भारत की ऋतुओं को मैंने कभी नहीं बिसराया है। अपनी तुकबन्दी में मैंने सबको जमकर गाया है।। हँसता-गाता बचपन, नन्हे सुमन मुझे भाते हैं। रोज नया कुछ लिखने की ये मन में चाह जगाते हैं।। श्यामल गइया, उल्लू-मछली, कम्प्यूटर, गांधी-टोपी। नहीं किसी को छोड़ा अबतक, मिला विषय मुझको जो भी।। कॉफी-चाय, शराब-सिलिण्डर, या कौओं का जोड़ा हो। गदहा बोझा ढोता हो या सरपट घोड़ा दौड़ा हो।। बीती यादों को भी मैंने, आलेखों में जोड़ा है। मेले-त्यौहारों का मैंने, मोह कभी ना छोड़ा है।। नहीं जानता कैसे प्रतिदिन, नया सृजन हो जाता है। नहीं जानता कौन व्योम से रचनाएँ लिखवाता है।। मातु शारदे का मैं पल-प्रतिपल वन्दन करता हूँ। उनकी चरणधूलि का चन्दन माथे पर धरता हूँ।। |
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मंगलवार, 6 मार्च 2012
‘‘हमने कभी नहीं बिसराया है’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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नहीं जानता कैसे प्रतिदिन, नया सृजन हो जाता है।
जवाब देंहटाएंनहीं जानता कौन व्योम से रचनाएँ लिखवाता है।।
मां शारदा की कृपा आप पर यूँ ही सदा बनी रहे...
आपकी होली शुभ हो..
सादर.
बहुत ही बढ़िया सर जी,,,
जवाब देंहटाएंहर पंक्ति लाजवाब है..
सच में विषयो का तो खजाना है आपके पास.
माता सरस्वती की कृपा आप पर सदा रहे...
बेहतरीन रचना...
होली पर्व कि आपको हार्दिक शुभकामनाएँ ....
नहीं जानता कैसे प्रतिदिन, नया सृजन हो जाता है।
जवाब देंहटाएंनहीं जानता कौन व्योम से रचनाएँ लिखवाता है।।
शास्त्री जी, आप जिस विषय पर भी लिखते हैं उसमें आपके तेवर की खुशबू बसी होती है !
आपको पढ़ना अच्छा लगता है !
हर पंक्ति लाजवाब है|होली पर्व कि आपको हार्दिक शुभकामनाएँ |
जवाब देंहटाएंवाह वाह ………उम्दा प्रस्तुति………होली की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंमाँ शारदे की कृपा बनी रहे..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंहोली की ढेर सारी शुभकामनायें !
आभार !
बहुत ही बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
सादर
हँसता-गाता बचपन, नन्हे सुमन मुझे भाते हैं।
जवाब देंहटाएंरोज नया कुछ लिखने की ये मन में चाह जगाते हैं।।
....सच कहा आपने प्रेरक है यह सब..
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें..
अच्छी प्रस्तुति,सुंदर भाव अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंमाँ शारदे की कृपा बनी रहे,निरंतर इसी तरह लिखते रहे,....
होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,
बहुत बेहतरीन और सार्थक रचना,
जवाब देंहटाएंइंडिया दर्पण की ओर से होली की अग्रिम शुभकामनाएँ।
maa sarasvati ki anukampa aap par isi tarah bani rahe aur ek se badhkar ek aap likhte rahe.shandar prastuti.holi ki shubhkamnayen.
जवाब देंहटाएंमाँ शारदा हम सभी को अपना प्रसाद देती रहें ,
जवाब देंहटाएंआपके स्वरों के साथ मेरा भी नत-शिर वंदन!
हम भी आते रहेंगे पढने ,हमने कब क्या छोड़ा है ,
जवाब देंहटाएंहोली हो या होला हो ,पूरा कुनबा जोड़ा है .
बीती यादों को भी मैंने, आलेखों में जोड़ा है।
जवाब देंहटाएंमेले-त्यौहारों का मैंने, मोह कभी ना छोड़ा है।।
हम भी आते रहेंगे पढने ,हमने कब क्या छोड़ा है ,
होली हो या होला हो ,पूरा कुनबा जोड़ा है .
हम भी आते रहेंगे पढने ,हमने कब क्या छोड़ा है ,
होली हो या होला हो ,पूरा कुनबा जोड़ा है .
हार्दिक शुभकामनाएं होली की ,मुबारक होली की .सेहत मन्द रहें होली में .
वाकई, आपसे कोई भी विषय नहीं छूटा है.
जवाब देंहटाएंवाकई, आपसे कोई विषय नहीं छूटा है.
जवाब देंहटाएंश्यामल गइया, उल्लू-मछली, कम्प्यूटर, गांधी-टोपी।
जवाब देंहटाएंनहीं किसी को छोड़ा अबतक, मिला विषय मुझको जो भी।।
आपने तो मेरे मन की बातों को काव्य रूप दे दिया है। यह जो लिस्ट आपने दिया है, वह अनंत है, और यह बात तो हम शुरू से ही कहते आ रहे हैं। लैपटॉप अब तक याद है मुझे ...:)
माँ सरस्वती की कृपा है ... जो आप इतना सुन्दर काव्य रच लेते हैं ... नमस्कार शास्त्री जी ...
जवाब देंहटाएंआपको और परिवार में सभी को होली की शुभकामनायें ...