धरा के रंग (काव्य संग्रह) डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ खटीमा (उत्तराखण्ड) पिन-262 308 सम्पर्क-9997996437 प्रकाशक-आरती प्रकाशन लालकुआँ (नैनीताल) मूल्यः150 रुपये मित्रों! आज प्रस्तुत कर रहा हूँ अपनी इस काव्य पुस्तिका से एक गीत! ♥ दिवस सुहाने आने पर ♥ अनजाने अपने हो जाते, दिवस सुहाने आने पर। सच्चे सब सपने हो जाते, दिवस सुहाने आने पर।। सूरज की क्या बात कहें, चन्दा जब आग उगलता हो, साथ छोड़ जाती परछाई, गर्दिश के दिन आने पर। पानी से पानी की समता, कीचड़ दाग लगाती है, साज और संगीत अखरता, सुर के गलत लगाने पर। दूर-दूर से अच्छे लगते, वन-पर्वत, बहतीं नदियाँ, कष्टों का अन्दाज़ा होता, बाशिन्दे बन जाने पर। हर पत्थर हीरा नहीं होता, पाषाणों की ढेरी में, सोच-समझकर अंग लगाना, रत्नों को पा जाने पर। जो सुख-दुख में सहभागी हों, वो किस्मत से मिलते हैं, स्वर्ग नर्क सा लगने लगता, मन का मीत न पाने पर। अनजाने अपने हो जाते, दिवस सुहाने आने पर। सच्चे सब सपने हो जाते, दिवस सुहाने आने पर।। |
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सोमवार, 19 मार्च 2012
"♥ दिवस सुहाने आने पर ♥" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सबकुछ अनुकूल हो जाता है....दिवस सुहाने आने पर!...बहुत सुन्दर रचना मेरे सामने है!...बधाई!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं ।।
जवाब देंहटाएंनई पुस्तक की झलक
दिखलाने के लिए आभार ।।
दूर-दूर से अच्छे लगते,
हटाएंवन-पर्वत, बहतीं नदियाँ,
कष्टों का अन्दाज़ा होता,
बाशिन्दे बन जाने पर।
बहुत खूब ..
जवाब देंहटाएंवाह...बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंहर पत्थर हीरा नहीं होता,
पाषाणों की ढेरी में,
सोच-समझकर अंग लगाना,
रत्नों को पा जाने पर।
बधाई......
वाह! बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति...आभार
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने, अनुभवजन्य सत्य है यह।
जवाब देंहटाएंJivan jine ke naye andaj jb bhi janane ho aapke blog par bjate haen.aabhar.
जवाब देंहटाएंदूर-दूर से अच्छे लगते,वन-पर्वत, बहतीं नदियाँ,कष्टों का अन्दाज़ा होता,बाशिन्दे बन जाने पर।
जवाब देंहटाएंखासकर पर्वतीय जीवन पर सटीक !
बहुत ही खुबसूरत और सार्थक प्रस्तुति...आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रंग हैं धरा के.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन सटीक रचना,......
जवाब देंहटाएंMY RESENT POST... फुहार....: रिश्वत लिए वगैर....
मनमोहक रचना ..
जवाब देंहटाएंबंग्लादेश से हारकर भारत ने यह साबित किया कि सचिन का शतक किसी कमजोर टीम के खिलाफ नहीं बना......!!!!!!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है।
चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं....
आपकी एक टिप्पिणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
cgqr lqUnj okg!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीत ... नयी पुस्तक के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढि़या ...बधाई सहित शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंसच्चे सब सपने हो जाते,
जवाब देंहटाएंदिवस सुहाने आने पर।।
बहुत सुन्दर गीत सर...
सादर.
नयी पुस्तक के लिए कोटिश: बधाई !
जवाब देंहटाएंसुन्दर...मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्ति....
bahut hi sunder kriti hi hume apne jeevan ke kisi bhi ichha ko itni mahhta nhi deni chahiye ki uske poora na hone se hum jeevan ke priti apne kritavya hi bhool jaye
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