"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
शनिवार, 29 दिसंबर 2012
"देश की बेटी दामिनी" (भावभीनी श्रद्धांजलि!)
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि &qu...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
बिलकुल ठीक कहा आपने .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट; निर्भय (दामिनी )को श्रद्धांजलि
सो गई स्वयं मगर, देश को जगा गई
जवाब देंहटाएंलड़ते-लड़ते मौत से, हार गई ज़िन्दग़ी
आह ही निकलेगी इस कहानी के यूं खत्म होने पर
आज सुबह पहली खबर यही सुनी। तब से ही दिमाग बड़ा अफसेट हैं। बहुत गलत हुआ इस लड़की दर्द सारा देश महसूस कर रहा है।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबेटी दामिनी
जवाब देंहटाएंहम तुम्हें मरने न देंगे
जब तलक जिंदा कलम है
देश की बेटी दामिनी को
जवाब देंहटाएंभावभीनी श्रद्धांजलि!...
दामिनी को भावभीनी श्रद्धांजलि!...
जवाब देंहटाएंजाते-जाते देश को जगा गई....
जवाब देंहटाएंबहुत गलत हुआ**** सो गई स्वयं मगर, देश को जगा गई
जवाब देंहटाएंलड़ते-लड़ते मौत से, हार गई ज़िन्दग़ी
दामिनी के वास्ते, दुआ न काम आ सकीं
लड़ते-लड़ते मौत से, हार गई ज़िन्दग़ी ****भावभीनी श्रद्धांजलि
शानदार अभिव्यक्ति,
जवाब देंहटाएंजारी रहिये,
बधाई।
"सो गई स्वयं मगर, देश को जगा गई"
जवाब देंहटाएंस्थायी हो यह जागृति! विनम्र श्रद्धांजलि!
विनम्र श्रद्धांजलि! सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
जवाब देंहटाएंभावनाओं को उद्वेलित करती भावात्मक प्रस्तुति भारत सरकार को देश व्यवस्थित करना होगा .
जवाब देंहटाएंदामिनी के इस बलिदान में ही उसकी जीत छिपी है ! उसकी घायल देह मौत से ज़रूर हार गयी लेकिन उसकी आत्मा करोड़ों नारियों की प्रेरणा बन कर उनकी संकल्प शक्ति में सदैव जीवित रहेगी ! दामिनी को हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि ! रचना बहुत मार्मिक है ! आभार आपका !
जवाब देंहटाएंआपकी सद्य टिप्पणियों का शुक्रिया .आदरणीय भाव रखेंगे सभी महिलामात्र के प्रति यही इस बरस का शुभ सामूहिक संकल्प होना चाहिए .आभार .
जवाब देंहटाएंदामिनी को भावभीनी
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि!
क्या करे सिस्टम ही ऐँसा हैँ एक काम कर सकते हो और हैँ अंत मेँ अफसोस ।
जवाब देंहटाएंki मारने वाला जिँदा हैँ और दामिनी ने दम तोड दिया उन हरामखोर को साँस लेने का हक नही कब तक बचेँगा उसकी साँसे जिसपर उसका हक नही ।
हटाएंबहुत भारी मन से विनम्र श्रद्धांजलि !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और मार्मिक अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंजीवन जीना सिखलायेगा यह बलिदान..
जवाब देंहटाएं