5 दिसम्बर को हमारी
40वीं वैवाहिक वर्षगाँठ है!
इसलिए आज पढिए!
हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर
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जिसको भी देखो उसने देश को लूटा है '
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचार की चादर सबने ओढ़ रखी है ,
बढ़िया व्यंग्य है व्यवस्था पर .(शुद्ध रूप भ्रष्टाचार ऊपर लिखा है ),उसे ने के स्थान पर उसने कर लें .
:-)))
जवाब देंहटाएंजबरदस्त-
जवाब देंहटाएंधारदार व्यंग |
खटीमा में सुना था इन्हें-
साधुवाद ||
बहुत खूब .......धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा व्यंग,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: बात न करो,
सन्नाट व्यंग है..
जवाब देंहटाएंशानदार व्यंग्य है।
जवाब देंहटाएंbahut achchhaa vyangya...
जवाब देंहटाएंhttp://merisoch15.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंवाह ... बेहतरीन
जवाब देंहटाएंशानदार व्यंग्य है। good sar g
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