यज्ञ-हवन करके बहन, माँग रही वरदान।
भइया का यमदेवता, करना तुम कल्याण।।
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भाई बहन के प्यार का, भइया-दोयज पर्व।
अपने-अपने भाई पर, हर बहना को गर्व।।
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तिलक दूज का कर रहीं, सारी बहनें आज।
सभी भाइयों के बने, सारे बिगड़े काज।।
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रोली-अक्षत-पुष्प का, पूजा का ले थाल।
बहन आरती कर रही, मंगल दीपक बाल।।
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एक बरस में एक दिन, आता ये त्यौहार।
अपनी रक्षा का बहन, माँग रही उपहार।।
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जब तक सूरज-चन्द्रमा, तब तक जीवित प्यार।
दौलत से मत तोलना, पावन प्यार-दुलार।।
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आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवारीय चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंभाई दूज की शुभकामनाऐं !
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना !
जब तक सूरज-चन्द्रमा, तब तक जीवित प्यार।
जवाब देंहटाएंदौलत से मत तोलना, पावन प्यार-दुलार।।
बहुत सुंदर.
भैया दूज के मंगल भावों से भरी रचना।
जवाब देंहटाएंsamayik sundar rachana prastuti ... abhaar
जवाब देंहटाएं"दोहे-भइया-दोयज पर्व" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जवाब देंहटाएंरूपचन्द्र शास्त्री मयंक
उच्चारण
यज्ञ-हवन करके बहन, माँग रही वरदान।
भइया का यमदेवता, करना तुम कल्याण।।
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भाई बहन के प्यार का, भइया-दोयज पर्व।
अपने-अपने भाई पर, हर बहना को गर्व।।
जवाब देंहटाएंसुन्दर है।
दोहे-भइया-दोयज पर्व" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
उच्चारण
यज्ञ-हवन करके बहन, माँग रही वरदान।
भइया का यमदेवता, करना तुम कल्याण।।
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भाई बहन के प्यार का, भइया-दोयज पर्व।
अपने-अपने भाई पर, हर बहना को गर्व।।
एक से बढ़ कर एक
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