गाँधी और पटेल ने, जहाँ लिया अवतार।
मोदी का गुजरात ने, दिया हमें उपहार।।
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देवताओं से कम नहीं, होता है देवेन्द्र।
सौ सालों के बाद में, पैदा हुआ नरेन्द्र।।
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साधारण परिवार का, किया चमन गुलजार।
मोह छोड़ संसार का, त्याग दिया घर-बार।।
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युगों-युगों के बाद में, लेते जन्म सपूत।
दयानन्द की धरा के, मोदी स्वयं सुबूत।।
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समझौता जिसको नहीं, बैरी से स्वीकार।
उस मोदी के हाथ में, भारत की पतवार।।
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दामोदर नर इन्द्र से, ऊँचा माँ का भाल।
अभिनन्दन जग कर रहा, ले पूजा का थाल।।
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जन्म-दिवस पर आपको, नमन हजारों बार।
दीर्घ आयु की कामना, करता दोहाकार।।
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समझौता जिसको नहीं, बैरी से स्वीकार।
जवाब देंहटाएंउस मोदी के हाथ में, भारत की पतवार।।
वाह!!!!
बहुत ही लाजवाब...
मोदी जी को सादर नमन एवं आपको व आपकी अद्भुत लेखनी को भी सादर नमन....अनन्त शुभकामनाएं।