जाने कितने जनम और मरण चाहिए ।
प्यार का राग आलापने के लिए,
शुद्ध स्वर, ताल, लय, उपकरण
चाहिए।।
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लैला-मजनूँ को गुजरे जमाना हुआ,
किस्सा-ए हीर-राँझा पुराना हुआ,
प्रीत की पोथियाँ बाँचने के लिए-
ढाई आखर नही व्याकरण चाहिए ।
प्यार का राग आलापने के लिए,
शुद्ध स्वर, ताल, लय, उपकरण
चाहिए।।
--
सन्त का पन्थ होता नही है सरल,
पान करती सदा मीराबाई गरल,
कृष्ण और राम को जानने के लिए-
सूर-तुलसी सा ही आचरण चाहिए ।
प्यार का राग आलापने के लिए,
शुद्ध स्वर, ताल, लय, उपकरण
चाहिए।।
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सच्चा प्रेमी वही जिसको लागी लगन,
अपनी परवाज में हो गया जो मगन,
कण्टकाकीर्ण पथ नापने के लिए-
शूल पर चलने वाले चरण चाहिए।।
प्यार का राग आलापने के लिए,
शुद्ध स्वर, ताल, लय, उपकरण
चाहिए।।
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झर गये पात हों जिनके मधुमास में,
लुटगये हो वसन जिनके विश्वास में,
स्वप्न आशा भरे देखने के लिए-
नयन में नींद का आवरण चाहिए।।
प्यार का राग आलापने के लिए,
शुद्ध स्वर, ताल, लय, उपकरण
चाहिए।।
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रविवार, 8 सितंबर 2019
गीत "मोक्ष के लक्ष्य को मापने के लिए" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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