कुछ
घण्टे कुछ दिवस में, बीत जायगा साल।
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बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंनूतन वर्ष की सुन्दर कामना से ओतप्रोत सुन्दर दोहे..
जवाब देंहटाएंहालातों को सुधरना ही होगा।
जवाब देंहटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 28 दिसंबर 2020 को 'होंगे नूतन साल में, फिर अच्छे सम्बन्ध' (चर्चा अंक 3929) पर भी होगी।--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
बहुत सुन्दर... नये साल में सब अच्छा अच्छा हो....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सर।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंसादर अभिवादन 🙏
"होंगे नूतन साल में, फिर अच्छे सम्बन्ध" सार्थक और बहुआयामी अर्थ लिए हुए है। इस गुज़रते 2020 में हमने, समाज ने, देश और दुनिया ने बहुत कुछ झेला है। इस सदी के शुरुआती दौर में महामारी से हुआ सामना हमारी चेतना को झकझोरने वाला था। उम्मीद है आने वाला वर्ष "अच्छे दिन" ले कर आएगा।
आप तो वास्तव में दोहा सम्राट हैं, बेहतरीन दोहे हैं आज के भी 💐🙏💐
हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
सादर,
- डॉ. वर्षा सिंह
आशंकाएँ हैं बहुत, मन में बहुत सवाल।
जवाब देंहटाएंकरते हैं यह कामना, शुभ हो नूतन साल।।
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होंगे नूतन साल में, फिर अच्छे सम्बन्ध।
जिससे सबका हो भला, करें वही अनुबन्ध।।
विगत का आकलन और आगत के प्रति आश्वस्ति जगाते बहुत सुंदर श्रेष्ठ दोहे।
नववर्ष सभी के लिए मंगलमय हो।
आपको सादर नमन - डाॅ शरद सिंह
बेहतरीन दोहे आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीय ।
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना 🌷
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंसुंदर।
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०१-०५ -२०२१) को 'सुधरेंगे फिर हाल'(चर्चा अंक-४०५३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
सुंदर प्रार्थना
जवाब देंहटाएं