प्यारी-प्यारी गुड़िया जैसी, बिटिया तुम हो कितनी प्यारी। मोहक है मुस्कान तुम्हारी, घरभर की तुम राजदुलारी।। नये-नये परिधान पहनकर, सबको बहुत लुभाती हो। अपने मन का गाना सुनकर, ठुमके खूब लगाती हो।। निष्ठा तुम प्राची जैसी ही, चंचल-नटखट बच्ची हो। मन में मैल नहीं रखती हो, देवी जैसी सच्ची हो।। दिनभर के कामों से थककर, जब घर वापिस आता हूँ। तुमसे बातें करके सारे, कष्ट भूल मैं जाता हूँ।। मेरे घर-आगँन की तुम तो, नन्हीं कलिका हो सुरभित। हँसते-गाते देख तुम्हें, मन सबका हो जाता हर्षित।। |
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शनिवार, 4 जून 2011
"बिटिया तुम हो कितनी प्यारी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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bitiya to hamesha hi pyari hoti hai.bahut achcha likhe.
जवाब देंहटाएंati manbhavan rachana .....badhyeeyan.
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी कविता।
जवाब देंहटाएंदिनभर के कामों से थककर,
जवाब देंहटाएंजब घर वापिस आता हूँ।
तुमसे बातें करके सारे,
कष्ट भूल मैं जाता हूँ।।
...बहुत सच कहा है..बिटिया तो होती ही हैं खुशी का खज़ाना..बहुत सुन्दर
इनकी मासूम मुस्कान ,दिन भर की थकावट में आराम |
जवाब देंहटाएंबहुत ही मनभावन बाल गीत्………॥और फिर बेटी पर हो तो कहना ही क्या।
जवाब देंहटाएंसरस ,सरल और प्यारी रचना !
जवाब देंहटाएंआज निष्ठा के लिए बड़े ही अहोभाग्य का दिन है . इधर आपने और उधर सरस पायस में रवि जी ने उस पर सुन्दर सुन्दर कविता लिखीं हैं . बधाई हो .
जवाब देंहटाएंhttp://abhinavsrijan.blogspot.com/
मुझे बच्चों से बहुत प्यार है!
जवाब देंहटाएंविशेषतया बालिकाओं से!
सच पूछा जाए तो
बच्चे ही मेरी बाल रचनाओं के प्रेरणास्रोत हैं!
bahut khub bhai ji
जवाब देंहटाएंbacche man ke sache
सुन्दर कविता...
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी कविता.
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी कविता।
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बढ़िया रचना
जवाब देंहटाएंBetiyaan Sachmuch Bahut Pyari Hoti hain..... Kaash har Hindustani ki samajh me ye baat aa paati toh...,
जवाब देंहटाएंBahut hi sundar Kavita.
'लोक्खी मे'
जवाब देंहटाएं