दिल से मत तजना कभी,
प्रीत-रीत उदगार।
सारस से तुम सीख लो,
क्या होता है प्यार।१।
प्रेम दिवस पर लीजिए,
व्रत जीवन में धार।
पल-पल-हर पल कीजिए,
सच्चा-सच्चा प्यार।२।
एक दिवस के वास्ते,
उमड़ा भीषण प्यार।
प्रणय दिवस के बाद में,
बढ़ जाता तक़रार।३।
पूरे जीवन प्यार का,
उतरे नहीं खुमार।
जीवनसाथी से सदा,
करना ऐसा प्यार।४।
चहक रहे हैं बाग में,
कलियाँ-सुमन अनेक।
धीरज और विवेक से,
चुनना केवल एक।५।
सुख सरिता बहती रहे,
धार न हो अवरुद्ध।
निशि-दिन प्रेम प्रवाह से,
इसको करो समृद्ध।६।
मन-विचार मिल जाय जब,
समझो तभी बसन्त।
पल-प्रतिपल मधुमास है,
समझो आदि न अन्त।७।
चिकनी-चुपड़ी देखकर,मत टपकाओ लार।
सोच-समझकर ही सदा,
देना कुछ उपहार।८।
कंकड़-काँटों से भरी, नहीं राह अनुकूल।
लेकर प्रीत कुदाल को,
सभी हटाना शूल।९।
केशर-क्यारी को सदा, स्नेह सुधा से सींच।
पुरुष न होता उच्च है,
नारि न होती नीच।१०।
पश्चिम की है सभ्यता, प्रेमदिवस का वार।
लेकिन अपने देश में,
प्रतिदिन प्रेम
अपार।११।
जीवनभर ना मिट सके, बरसाओ वह रंग।
सिखलाओ संसार को,
प्रेम-प्रीत का ढंग।१२।
आडम्बर से युक्त है, प्रेमदिवस का खेल।
चमक-दमक में खो गया,
सुमनों का ये मेल।१३।
रँग भरने के वास्ते, आया है ऋतुराज।
मस्ती में डूबा हुआ,
सारा सभ्य समाज।१४।
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गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013
"उमड़ा भीषण प्यार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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पश्चिम की है सभ्यता, प्रेमदिवस
जवाब देंहटाएंका वार।
लेकिन अपने देश में, प्रतिदिन प्रेम
अपार।११।
यही सच्चाई हैँ जो इस त्योँहार को हवा मिल रही हैँ ।
बढिया रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
bahut badhiya ...aap shayad jeevan sathi likhna chahte hue jeevan satha likh baithhe hain ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव..आभार !
जवाब देंहटाएंयह त्यौहार नही पश्चिमी सभ्यता का आडम्बर है.
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लोग्स संकलक (ब्लॉग कलश) पर आपका स्वागत है,आपका परामर्श और आशीर्वाद की चाहत.
"ब्लॉग कलश"
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवार के चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह उत्कृष्ट प्रस्तुति .....धन्यवाद ! साधुवाद !
जवाब देंहटाएंआडम्बर से युक्त है, प्रेमदिवस का खेल।
जवाब देंहटाएंचमक-दमक में खो गया, सुमनों का ये मेल।१३।
बहुत सुन्दर !
Latest post हे माँ वीणा वादिनी शारदे !
सुन्दर रचना !!
जवाब देंहटाएंसार्थकता बताते दोहे..बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंबढ़िया..बहुत बढ़िया....
एक से बढ़ कर एक दोहे...
सादर
अनु
बहुत सुन्दर अभीव्यक्ति आज के दिन | आभार |
जवाब देंहटाएंTamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
अति सुंदर ! सभी दोहे एक से बढ़कर एक ...
जवाब देंहटाएं~सादर!!!
सार्थक सुंदर दोहे आडम्बर से युक्त है, प्रेमदिवस का खेल।
जवाब देंहटाएंचमक-दमक में खो गया, सुमनों का ये मेल।१३।
चहक रहे हैं बाग में,कलियाँ-सुमन अनेक।
जवाब देंहटाएंधीरज और विवेक से , चुनना केवल एक।
बहुत शानदार उम्दा प्रस्तुति,,,
recent post: बसंती रंग छा गया
bahut sunder...
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव और अर्थ लिए मनभावन प्रेम दिवस गान .
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा और सार्थक दोहे !
जवाब देंहटाएं