भाले-बरछी, तोप-तमञ्चे, हथियारों को छोड़ दिया,
गंगा, यमुना,सरस्वती की, भारत में बहती धारा,
दो अक्टूबर को भारत में,गांधी ने अवतार लिया,
लोकतन्त्र की आहुति बनकर, दोनों ने बलिदान दिया,
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सुंदर
जवाब देंहटाएंश्रद्धापूर्वक नमन
भावपूर्ण प्रस्तुति |श्रद्धा पूर्वक नमन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंमहान सपूतों को श्रद्धा पूर्वक नमन ,,,,
दोनों महापुरुषों को श्रद्धा सुमन
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
श्रद्धा पूर्वक नमन---
बहुत सुन्दर भाव और श्रद्धापूर्ण अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंनवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !
नई पोस्ट साधू या शैतान
दो अक्टूबर को भारत में,गांधी ने अवतार लिया,
जवाब देंहटाएंलालबहादुर ने भी इस पावन माटी से प्यार किया,
जय-जवान और जय-किसान का नारा सबको सिखलाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
लोकतन्त्र की आहुति बनकर, दोनों ने बलिदान दिया,
महायज्ञ की बलिवेदी पर, अपना जीवन दान किया,
धन्य-धन्य हे पुण्य प्रसूनों! तुमने उपवन महकाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
भारत के गौरव को गांधी और शाष्त्री ने दहकाया। सुन्दर प्रस्तुति।
बहुत सुंदर रचना ..
जवाब देंहटाएंथैंक यू बापू को !!
महान सपूतों को श्रद्धा पूर्वक नमन,गांधी जयन्ती बधाई हो,सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंदोनों महापुरुषों को मेरा शत शत नमन ...
जवाब देंहटाएंनमस्कार शास्त्री जी ...