खाली बैठे रच दिया, मैंने दोहागीत। मर्म समझ लो प्यार का, ओ मेरे मनमीत।। -- ढाई आखर में छिपा, दुनियाभर का सार। जो नैसर्गिकरूप से, उमड़े वो है प्यार।। प्यार नहीं है वासना, ये तो है उपहार। दिल से दिल का मिलन ही, इसका है आधार।। प्यारभरे इस खेल में, नहीं हार औ’ जीत। मर्म समझ लो प्यार का, ओ मेरे मनमीत।१। -- माँगे से मिलता नहीं, कभी प्यार का दान। छिपा हुआ है प्यार में, जीवन का विज्ञान। विरह तभी है जागता, जब दिल में हो आग। विरह-मिलन के मूल में, होता है अनुराग।। होती प्यार-दुलार की, बड़ी अनोखी रीत। मर्म समझ लो प्यार का, ओ मेरे मनमीत।२। -- जीवनभर ना रुक सके, बरसाओ वो धार। सिखलाओ संसार को, क्या होता है प्यार।। दिल से मत तजना कभी, प्रीत-रीत उद्गार। सारस जीवनभर करे, सच्चा-सच्चा प्यार।। मन की सच्ची लगन ही, कहलाती है प्रीत।। मर्म समझ लो प्यार का, ओ मेरे मनमीत।३। -- कंकड़-काँटों से भरी, प्यार-प्रीत की राह। बन जाती आसान ये, मन में हो जब चाह।। लेकर प्रीत कुदाल को, सभी हटाना शूल। धैर्य और बलिदान से, खिलने लगते फूल।। सरगम के सुर जब मिलें, बजे तभी संगीत। मर्म समझ लो प्यार का, ओ मेरे मनमीत।४। -- |
बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंनमन.. सुन्दर-सुन्दर दोहे
जवाब देंहटाएंअत्यंत भावनात्मक सुंदर दोहे 🙏
जवाब देंहटाएंकंकड़-काँटों से भरी, प्यार-प्रीत की राह।
जवाब देंहटाएंबन जाती आसान ये, मन में हो जब चाह।।
प्रेम की सुंदर परिभाषा, जन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई, अति सुंदर उपहार !
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर दोहागीत आदरणीय, हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐💐
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर मनभावन दोहागीत।
जन्मदिन पर मेरी बधाई भी स्वीकारें। अच्छे स्वास्थ्य एवं आनंद मंगल की कामना के साथ सादर प्रणाम।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर दोहागीत । हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं । सादर..
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंवाह!बहुत खूबसूरत दोहे !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर दोहे सर ।
जवाब देंहटाएंसादर
प्रेमरस में डूबा,प्रेम का मर्म समझाता बहुत ही सुंदर गीत,सादर नमन सर
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