वो अनजाने से परदेशी! मेरे मन को भाते हैं। भाँति-भाँति के कल्पित चेहरे, |
पतझड़ लगता है वसन्त, वीराना भी लगता मधुबन, जब वो घूँघट में से अपनी, मोहक छवि दिखलाते हैं। भाँति-भाँति के कल्पित चेहरे, |
गाने लगता भँवरा गुंजन, शोख-चटक कलिका बनकर, वो उपवन में मुस्काते हैं। भाँति-भाँति के कल्पित चेहरे, सपनों में घिर आते हैं।। |
होती उनकी चमक निराली, आसमान की छाती पर, जब काले बादल छाते हैं। भाँति-भाँति के कल्पित चेहरे, सपनों में घिर आते हैं।। |
अँखियाँ देतीं मौन निमन्त्रण, बिन पाती का है आमन्त्रण, सपनों की दुनिया को छोड़ो, मन से तुम्हे बुलाते हैं। भाँति-भाँति के कल्पित चेहरे, |
bahut khoobsurat post....aabhar..
जवाब देंहटाएंवाह वाह्…………आज तो बहुत ही मधुर और मनमोहक रचना लगाई है जो गुनगुनाई जा सकती है…………शानदार्।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब सुरत है आज की रचना शास्त्री जी --मुझे अंदाजा नही था की आप इतनी अच्छी कविता भी लिख सकते है ---आपका बहुत -बहुत आभार !धन्यवाद ...
जवाब देंहटाएं'अंखियाँ देती मौन निमंत्रण'
जवाब देंहटाएंआपने इतनी अच्छी बात सुनाई भी तो ऐसे मौके पर जबकि कल हम लखनऊ जा रहे हैं । अब आपकी पंक्तियों पर आचरण तो हम लौटकर ही कर पाएँगे ।
धन्यवाद ।
वाह बहुत सुन्दर गीत.
जवाब देंहटाएंस्वप्नों में आ जाने वाले सच में भी आ जाते हैं।
जवाब देंहटाएंसपनों की दुनिया को छोड़ो,
जवाब देंहटाएंमन से तुम्हे बुलाते हैं।
बहुत ही मधुर और मनमोहक रचना आभार !
ye sundar geet to gunagunane vala hai . sundar geet dene ke liye aabhar .
जवाब देंहटाएंwaah bahut hi utam ebam khusurat rachna....badhai...kre siwkar
जवाब देंहटाएंबरबस गाने-गुनगुनाने को जी कर रहा है - अति सुंदर - शास्त्री जी बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंbahut manmohak rachna.bahut achchi lagi.
जवाब देंहटाएंसुंदर सम्मोहित करती रचना
जवाब देंहटाएंsaras saumya rachana -
जवाब देंहटाएंभाँति-भाँति के कल्पित चेहरे,
सपनों में घिर आते हैं।।
sunder ...
aabhar .
बहुत सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंमधुर रचना सुन्दर..... आभार
जवाब देंहटाएंभांति-भांति के कल्पित चेहरे सपनों में आ जाते हैं ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता...
ब्लॉग जगत में पहली बार एक ऐसा सामुदायिक ब्लॉग जो भारत के स्वाभिमान और हिन्दू स्वाभिमान को संकल्पित है, जो देशभक्त मुसलमानों का सम्मान करता है, पर बाबर और लादेन द्वारा रचित इस्लाम की हिंसा का खुलकर विरोध करता है. साथ ही धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कायरता दिखाने वाले हिन्दुओ का भी विरोध करता है.
जवाब देंहटाएंइस ब्लॉग पर आने से हिंदुत्व का विरोध करने वाले कट्टर मुसलमान और धर्मनिरपेक्ष { कायर} हिन्दू भी परहेज करे.
समय मिले तो इस ब्लॉग को देखकर अपने विचार अवश्य दे
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