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bahut hi sundar !
जवाब देंहटाएंइतने त्यागी मंत्री काश सब हो जायें।
जवाब देंहटाएंवाह आज तो दिल खुश हो गया पढकर .
जवाब देंहटाएंगज़ब की प्रभावशाली पंक्तियाँ हैं.
आफताब़-महताब़ उन्हीं के, जिनके केवल नाम बड़े,
जवाब देंहटाएंजालजगत के सिवा शायरी, बोलो कहाँ लगाऊँ मैं
खूबसूरत गज़ल
bahut kuchh ...nahin,
जवाब देंहटाएंsab kuchh kah diya aapne........
jiyo dada !
पूजा होती “रूप” रंग की, ज्ञानी याचक-चाकर हैं
जवाब देंहटाएंलुप्त हुए चाणक्य, कहाँ से सुथरा-शासन लाऊँ मैं।
bahut achcha likhe hain aap.
पूजा होती “रूप” रंग की, ज्ञानी याचक-चाकर हैं
जवाब देंहटाएंलुप्त हुए चाणक्य, कहाँ से सुथरा-शासन लाऊँ मैं।
बहुत अच्छी रचना.. दुनिया-जहान, खेत-खलिहान से लेकर शासन तक की बातें एक साथ कह दी आपने.....
गज़ब की प्रभावशाली गज़ल| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बढ़िया शास्त्री जी ...आपका लिखा एक एक शब्द का अर्थ बहुत गहरा है
जवाब देंहटाएंसमाज के लिए साफ़-सटीक सन्देश !
जवाब देंहटाएंसामयिक-वातावरण पर तीखा व्यंग्य !