जय-जय जय वरदानी माता।।
मन है माता मेरा चंचल,
माँग रहा हूँ अविचल सम्बल,
दे दो ज्ञान भवानी माता।
जय-जय जय वरदानी माता।।
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माँ वीणा की तान सुना दो,
शब्दों का आधार बना दो,
दया करो विज्ञानी माता।
जय-जय जय वरदानी माता।।
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गुलशन बन जाये वृन्दावन,
रहे हमेशा खिलता उपवन,
दिवस-रैन मैं तुमको ध्याता।
जय-जय जय वरदानी माता।।
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भक्तिभाव वन्दना जाप हो,
निराकार-साकार आप हो,
माता का भक्तों से नाता।
जय-जय जय वरदानी माता।।
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सोमवार, 27 अप्रैल 2020
बालवन्दना "जय-जय जय वरदानी माता" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जय माता दी।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रार्थना ... माँ के चरणों में वंदन ....
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (28 -4 -2020 ) को " साधना भी होगी पूरी "(चर्चा अंक-3684) पर भी होगी,
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
बहुत ही सुन्दर प्रार्थना..
जवाब देंहटाएंवाह!!!
बहुत ही सुंदर माता की प्रार्थना..
जवाब देंहटाएंभक्तिभाव से सजी सुन्दर प्रार्थना ..माँ के चरणों में नमन .
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत प्रार्थना !
जवाब देंहटाएं