यज्ञ-हवन करके बहन, माँग रही वरदान। भइया का यमदेवता, करना तुम कल्याण।। -- भाई बहन के प्यार का, भइया-दोयज पर्व। अपने-अपने भाई पर, हर बहना को गर्व।। -- तिलक दूज का कर रहीं, सारी बहनें आज। सभी भाइयों के बने, सारे बिगड़े काज।। -- रोली-अक्षत-पुष्प का, ले पूजा का थाल। बहन आरती कर रही, मंगल दीपक बाल।। -- एक बरस में एक दिन, आता ये त्यौहार। अपनी रक्षा का बहन, माँग रही उपहार।। -- जब तक सूरज-चन्द्रमा, तब तक जीवित प्यार। दौलत से मत तोलना, पावन प्यार-दुलार।। |
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शुक्रवार, 5 नवंबर 2021
दोहे "भइया-दोयज पर्व पर, हर बहना को गर्व" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सुंदर रचना, भाई दूज पर शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(०६-११-२०२१) को
'शुभ दीपावली'(चर्चा अंक -४२३९) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत सुन्दर ♥️
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सर।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर दोहे भाई बहन के अतुल्य स्नेह संबंधों पर।
जवाब देंहटाएंभाई दूज पर सभी को अपार शुभकामनाएं।