भारत माँ की कोख से, जन्मा पूत कलाम। करते श्रद्धा-भाव से, उसको आज सलाम।। -- दुनिया में जाना गया, वह मिसाइल-मैन। उसके जाने से सभी, कितने हैं बेचैन।। -- जिसने जीवन भर किया, मानवता का काम। भारत का सर्वोच्च-पद, हुआ उसी के नाम।। -- बचपन जिया अभाव में, कभी न मानी हार। दुनिया में विज्ञान को, दिया सबल आधार।। -- कुदरत को मञ्जूर जो, वो ही तो है होय। क्रूर काल के चक्र से, बचा नहीं है कोय।। -- जीव आत्मा अमर है, मरता तुच्छ शरीर। अपने उत्तम कर्म से, अमर रहेंगे वीर।। -- युगों-युगों तक रहेगा, दुनियाभर में नाम। गूँजेगा संसार में, प्रेरक नाम कलाम।। -- भावप्रवण श्रद्धा-सुमन, करूँ समर्पित आज। नमन कर रहा आपको, भारतदेश-समाज।। |
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गुरुवार, 28 जुलाई 2022
दोहे "भारतरत्न मिसाइल-मैन को शत-शत नमन" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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भावप्रवण श्रद्धा-सुमन, करूँ समर्पित आज।
जवाब देंहटाएंनमन कर रहा आपको, भारतदेश-समाज ।।
..बहुत सुंदर प्रेरक भाव । मिसाइल मैन अब्दुल कलाम जी को मेरा सादर नमन।