-- बड़े-बुजुर्गों का दिवस, देता है सन्देश। इनकी पूजा कीजिए, ये हैं देव गणेश।। -- पग-पग पर जो सीख दें, होते वही वरिष्ठ। कभी कनिष्ठों का नहीं, करते अहित अनिष्ठ।। -- घर के बड़े-बुजुर्ग है, जीवन में अनमोल। मात-पिता के प्यार को, दौलत से मत तोल।। -- माता-पिता, बुजुर्ग का, जिस घर में सम्मान। उस घर में रमते सदा, साक्षात् भगवान।। -- माता-पिता बुजुर्ग का, हरदम करना मान। ज्ञानसिन्धु आचार्य ही, देते हमको ज्ञान।। -- जो हैं घर संसार के, जीवन
का आधार। जीवनभर वो बाँटते, हम
सबको उपहार।। जिनको है धन-माल की,
नहीं कभी दरकार। उनके प्रति हर हाल
में, रहना सदा उदार।। -- |
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रविवार, 21 अगस्त 2022
दोहे "वरिष्ठ नागरिक दिवस" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(२२-०८ -२०२२ ) को 'साँझ ढलती कह रही है'(चर्चा अंक-१५२९) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
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