रहने के काबिल रहे, जब तक सौम्य शरीर। तब तक जीवन-नाव की, खुली रहे जंजीर।। -- मित्रों! दिनांक 3
अगस्त, 2022 को स्ट्रीमयार्ड और नये सुर फेसबुकपटल पर रात को 7-30 से 9-15 तक एक
कविगोष्ठी में काव्यपाठ किया। खाना खाकर 10 बजे सो गया। एक घण्टे बाद अचानक 11
बजे नींद खुल गयी। सीने में दर्द था तो बड़े पुत्र को बुलाया। उसने रक्तचाप नापा
तो वह 107-210 था। मन में आशंका हई कि कहीं यह हार्टअटैक तो नहीं है। खैर तभी
बी.पी. कम करने की दवाई ली और सारबिट्रेट कि एक गोली जीभ के नीचे रख ली। मुझे
रक्तचाप की बीमारी आजतक कभी नहीं हुई, इसलिए दवा लेने से रक्तचाप अचानक 50 और 65
रह गया। 1-2 गिलास नमक का पानी पीने से तबियत सँभल गई। मेडिसिटी अस्पताल की हृदय
रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि जैवियर मेरी परिचित है मैंने बड़े पुत्र से उन्हें फोन
कराया, संयोग से फोन उठ गया तो उन्होंने कहा कि अंकल को तुरन्त यहाँ ले आओ। तब
तक 12-30 बज चुके थे। तो बात कल पर स्थगित कर दी गई। सुबह सब कुछ सामान्य था लेकिन बड़े पुत्र नितिन ने अस्पताल ले जाने की जिद की तो रुद्पुर नगर में मेडिसिटी अस्पताल के लिए रवाना हो गये। ई.सी.जी. और ईको की रिपोर्ट बिल्कुल नॉर्मल आई तो डॉक्टर ने कहा कि 4000रू. की एक जाँच खून की की गई। जिसमें हार्टअटैक पॉजिटिव आया। एंजियोग्राफी में मुख्य धमनी 100प्रतिशत बन्द पाई गयी और स्टैण्ट डाल कर इलाज पूरा हुआ। अब मेरी तबियत ठीक है। लेकिन खाने पीने के प्रतिबन्धों के साथ दवाई जीवनभर के लिए खानी पड़ेगी। विधि के अटल विधान पर, नहीं किसी का जोर। पूजन वन्दन साधना, करते भाव विभोर।। -- जब तक प्राण शरीर में, सभी मनाते खैर। धड़कन जब थम जाय तो, हो जाते सब गैर।। -- बहते निर्झर ही करें, कल-कल शब्द निनाद। कर्मों से ही व्यक्ति को, रक्खा जाता याद।। -- चाहे कितने चाटिये, ताकत के अवलेह। अमर नहीं रहती कभी, पंच तत्व की देह।। -- किसकी कितनी है उमर, नहीं किसी को ज्ञान। चित्रगुप्त के गणित से, सब ही हैं अनजान।। -- कहीं शोक की धुन बजे, कहीं मांगलिक गीत। पड़ती सबको झेलनी, गरमी-बारिश-शीत।। -- जीवन के संग्राम में, होना नहीं निराश। मंजिल पाने के लिए, करना राह तलाश।। -- |
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सोमवार, 8 अगस्त 2022
"अब मेरी तबियत ठीक है" (जीवन के संग्राम में, होना नहीं निराश
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जवाब देंहटाएंशीघ्र स्वास्थ लाभ की कामनाएं। अपना ख्याल रखियेगा।
जवाब देंहटाएंकहीं शोक की धुन बजे, कहीं मांगलिक गीत।
जवाब देंहटाएंपड़ती सबको झेलनी, गरमी-बारिश-शीत।।
–सत्य कथन
उम्दा भावाभिव्यक्ति
--शीघ्र पूर्णतया स्वास्थ्य लाभ की कामना
आदरणीय शास्त्री जी आपके हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी। ऐसी तबियत में भी काव्यरचना। आपका यह सफर ऐसा ही निरंतर चलता रहे यही ईश्वर से प्रार्थना है।
जवाब देंहटाएंशीघ्र स्वास्थ लाभ की कामनाएं।
जवाब देंहटाएंआप जल्दी ही स्वस्थ होंगे ऐसी शुभकामना है 🙏🏼🙏🏼
जवाब देंहटाएंआप अपना पूर्ण ख्याल रखें और जल्द स्वस्थ हों यही कामना है
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