कहाँ चले ओ बन्दर मामा,
मामी जी को साथ लिए।
इतने सुन्दर वस्त्र
आपको,
किसने हैं उपहार किये।।
हमको ये आभास हो रहा,
शादी आज बनाओगे।
मामी जी के साथ, कहीं
उपवन में मौज मनाओगे।।
दो बच्चे होते हैं
अच्छे,
रीत यही अपनाना तुम।
महँगाई की मार बहुत है,
मत परिवार बढ़ाना तुम।
चना-चबेना खाकर, अपनी
गुजर-बसर कर लेना तुम।
अपने दिल में प्यारे
मामा,
धीरजता धर लेना तुम।।
छीन-झपट, चोरी-जारी
से,
सदा बचाना अपने को।
माल पराया पा करके, मत
रामनाम को जपना तुम।।
कभी इलैक्शन मत लड़ना,
संसद में मारा-मारी है।
वहाँ तुम्हारे कितने
भाई,
बैठे भारी-भारी हैं।।
हनूमान के वंशज हो तुम,
ध्यान तुम्हारा हम
धरते।
सुखी रहो मामा-मामी तुम,
यही कामना हम करते।।
कहाँ चले ओ बन्दर मामा,
मामी जी को साथ लिए।
इतने सुन्दर वस्त्र
आपको,
किसने हैं उपहार किये।।
हमको ये आभास हो रहा,
शादी आज बनाओगे।
मामी जी के साथ, कहीं
उपवन में मौज मनाओगे।।
दो बच्चे होते हैं
अच्छे,
रीत यही अपनाना तुम।
महँगाई की मार बहुत है,
मत परिवार बढ़ाना तुम।
चना-चबेना खाकर, अपनी
गुजर-बसर कर लेना तुम।
अपने दिल में प्यारे
मामा,
धीरजता धर लेना तुम।।
छीन-झपट, चोरी-जारी
से,
सदा बचाना अपने को।
माल पराया पा करके, मत
रामनाम को जपना तुम।।
कभी इलैक्शन मत लड़ना,
संसद में मारा-मारी है।
वहाँ तुम्हारे कितने
भाई,
बैठे भारी-भारी हैं।।
हनूमान के वंशज हो तुम,
ध्यान तुम्हारा हम
धरते।
सुखी रहो मामा-मामी तुम,
यही कामना हम करते।।
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वाह, बहुत ही सुन्दर बाल कविता।
जवाब देंहटाएंसुन्दर बाल कविता के माध्यम से सार्थक संदेश.
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14-04-2013) के चर्चा मंच 1214 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंmama mami ki sundar jodi salamt rahe,bahut khoob
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....मजेदार कविता!!
जवाब देंहटाएंपधारें "आँसुओं के मोती"
बहुत अच्छी बाल कबिता .....
जवाब देंहटाएंमजा आ गया गुरूदेव। यह गीत बच्चों को भी बहुत रूचेगा गुरूदेव। बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर बाल कविता....
जवाब देंहटाएंबंदर मामा की क्या स्टाइलिस्ट मामी जी हैं.... :)
जवाब देंहटाएं~सादर!!!
बन्दर मामा का बाल गीत बहुत महजेदार है
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत सुन्दर आजकल ऐसी रचनाये पढ़कर जी ताजा हो जाता है !
जवाब देंहटाएंसत्य ही बचपन जीवन की सबसे अमूल्य निधी होता है ... मनमोहक रचना , प्रणाम !
सूट पहनते, छोड़ पजामा
जवाब देंहटाएंजेंटलमंकी बंदर मामा !!!!
बहुत ही सुंदर बालगीत, हास्य भी, व्यंग्य भी, उपदेश भी, भई वाह, मजा आ गया...
नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंआपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
मेरी मांग
भावपूर्ण बहुत सुन्दर बाल रचना!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन बाल कविता ......
जवाब देंहटाएंहनूमान के वंशज हो तुम,
जवाब देंहटाएंध्यान तुम्हारा हम धरते।
सुखी रहो मामा-मामी तुम,
यही कामना हम करते।।waah ....bahut acche bhaw....
badhiya baal rachna .. badhai !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर मजेदार बाल कविता चित्र भी खूब है हार्दिक बधाई आपको
जवाब देंहटाएंबढ़िया है गुरुवर-
जवाब देंहटाएंआपकी यह सुन्दर बाल-रचना 'निर्झर टाइम्स' पर लिंग की गई है। कृपया http://nirjhar-times.blogspot.com पर अवलोकन करें।आपका सुझाव सादर आमन्त्रित है।
जवाब देंहटाएंबढ़िया बाल कविता
जवाब देंहटाएंरोचक बाल-कविता -प्रकृति की सारी संपदा आदमी लूट रहा है क्या करें बेचारे वानर !
जवाब देंहटाएं