सभी भक्तों को हनुमान जयन्ती की
अग्रिम शुभकामनाएँ प्रेषित कर रहा हूँ!
धीर-वीर, रक्षक प्रबल, बलशाली-हनुमान।
जिनके हृदय-अलिन्द में, रचे-बसे श्रीराम।।
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महासिन्धु को लाँघकर, नष्ट किये वन-बाग।
असुरों को आहत किया, लंका मे दी आग।।
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कभी न टाला राम का, जिसने था आदेश।
सीता माता को दिया, रघुवर का सन्देश।।
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लछमन को शक्ति लगी, शोकाकुल थे राम।
पवन वेग की चाल से, पहुँचे पर्वत धाम।।
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संजीवन के शैल को, उठा लिया तत्काल।
बूटी खा जीवित हुए, दशरथ जी के लाल।।
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बिगड़े काम बनाइए, बनकर कृपा निधान।
कोटि-कोटि वन्दन तुम्हे, पवनपुत्र हनुमान।।
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मंगलवार, 23 अप्रैल 2013
"हनुमान जयन्ती" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जय श्री हनुमान। सुंदर रचना, आपको भी हनुमान जयंती की बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (23-04-2013) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2013/04/1224.html> पर भी होगी! आपके अनमोल विचार दीजिये , मंच पर आपकी प्रतीक्षा है .
सूचनार्थ...सादर!
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!!!
जवाब देंहटाएंlatest post बे-शरम दरिंदें !
latest post सजा कैसा हो ?
जय जय जय बजरंग बली..
जवाब देंहटाएंsundar astha aur vishwash ko samarpit prastuti,jai jai bajrang bali ki....
जवाब देंहटाएंबजरंग बली में बचपन से ही आस्था है ... नमन
जवाब देंहटाएंजय हो ....
जवाब देंहटाएंजय श्री हनुमान। सुंदर रचना, आपको भी हनुमान जयंती की बधाई।
जवाब देंहटाएंजय बजरंग बली ..बहुत सुन्दर प्रस्तुति .....आपको भी हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएं