Remember : Christina Rossetti
अनुवादक : डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
मैं जब दूर चला जाऊँगा,
मेरी याद तुम्हें आयेगी!
जब हो जाऊँगा चिरमौन,
तुम्हें यादें तड़पायेंगी!
मृत हो जायेगी यह देह,
चला जाऊँगा शान्त नगर में!
पकडकर तब तुम मेरा हाथ,
पुकारोगी मुझको स्वर में!
नही अधूरी मंजिल से,
मैं लौट पाऊँगा!
तुमसे मैं तो दूर,
बहुत ही दूर चला जाऊँगा!
इक क्षण ऐसा भी आयेगा!
मम् अस्तित्व सिमट जायेगा!
तुम सवाँर लेना अपना कल!
नई योजना बुनना प्रतिपल!
यादें तो यादें होती है,
तब तुम यही समझना!
मुझ अदृश्य के लिए,
नही तुम कभी प्रार्थना
करना!
ऐसा करते-करते इक दिन,
भूल मुझे जाओगी!
किन्तु अगर तुम याद करोगी,
दुःख बहुत पाओगी!!
Christina
Rossetti
Christina
Georgina Rossetti
जन्म: 5 दिसम्बर, 1839
मृत्यु: 29 दिसम्बर, 1884
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (20 -4-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!
भावों से परिपूर्ण सुंदर अनुवाद के लिए बधाई,शास्त्री जी,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : प्यार में दर्द है,
बहुत सुन्दर अनुवाद ,सुन्दर प्रस्तुति !बधाई
जवाब देंहटाएंlatest post तुम अनन्त
sundar prastuti.badhai
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति व् सहज =सरल भाषा में अनुवाद .हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंवाह गुरु जी अपनी भाषा में पड़ने का आनंद ही कुछ और है
जवाब देंहटाएंक्योंकि लड़की हूँ मैं
बहुत सी सुन्दर अनुवाद है आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया है आदरणीय -
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें-
sundar aur sathak anubad
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