My Dad Wishes by-Samphors Vuth अनुवादक- डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ ♥♥♥♥♥♥♥♥♥ पिता की आकांक्षाएँ (काव्यानुवाद) मेरे साथ सदा अच्छा हो, यही कामना करते हो। नहीं लड़ूँ मैं कभी किसी से, यही भावना भरते हो।। उन्नति के सोपान चढ़ूँ मैं, नीचे कभी न गिर जाऊँ। आप यही इच्छा रखते हो, विजय हमेशा मैं पाऊँ।। पूज्य पिता जी आप पुत्र की, देखभाल में लगे हुए। मेरे लिए हमेशा तत्पर, जीवनपथ पर डटे हुए।। मेरा हँसना-गाना सुनकर, तुम कितना सुख पाते हो। लेकिन मेरा रुदन देख तुम, दुखित तात हो जाते हो।। जीवित रहूँ सदा मैं जग में, दुआ हमेशा करते हो। मेरे सुख का मुस्तैदी से, ध्यान हमेशा धरते हो।। तुम हो मेरे पूज्य पिता जी, इस जीवन के दाता हो। मेरा जीवन तुमसे ही है, मेरे तुम्हीं विधाता हो।। |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
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शनिवार, 12 मई 2012
"काव्यानुवाद-पिता की आकांक्षाएँ" (अनुवादक-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
तुम हो मेरे पूज्य पिता जी,
जवाब देंहटाएंइस जीवन के दाता हो।
मेरा जीवन तुमसे ही है,
मेरे तुम्हीं विधाता हो।।
हर पिता कि इक्छा होती हा कि पुत्र उसके बताये रास्ते पर चले ,.............
बहुत सुन्दर काव्यानुवाद किया है
जवाब देंहटाएंजीवित रहूँ सदा मैं जग में,
दुआ हमेशा करते हो।
मेरे सुख का मुस्तैदी से,
ध्यान हमेशा धरते हो।।
har mata pita ki bachchon ke prati yahi bhaavna hai.
प्रभावपूर्ण रचना....बहुत सुन्दर काव्यानुवाद किया है ..शास्त्री जी..बधाई
जवाब देंहटाएंEmotional poem.nice translation. Congrets Shashtriji
जवाब देंहटाएंपिता सदा ही रक्षक की भूमिका में होते हैं,शानदार पोस्ट |आभार| मेरी नई पोस्ट पर स्वागत है |
जवाब देंहटाएंतुम हो मेरे पूज्य पिता जी,
जवाब देंहटाएंइस जीवन के दाता हो।
मेरा जीवन तुमसे ही है,
मेरे तुम्हीं विधाता हो।।
pita-putra sambandho par behtareen rachna ! sadar badhai
शुभ कार्य |
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ||
शास्त्री जी,...चर्चा मंच आज की पोस्ट दिखाई नही पड
जवाब देंहटाएंरही है,...शायद पोस्ट करना भूल गए, या आपके इधर नेट प्राब्लम के कारण पोस्ट न हो पाई हो,..देख ले
बहुत ही सुन्दर कविता है।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब।
जवाब देंहटाएंमेरा हँसना-गाना सुनकर,
जवाब देंहटाएंतुम कितना सुख पाते हो।
लेकिन मेरा रुदन देख तुम,
दुखित तात हो जाते हो।।
बढ़िया भावानुवाद .सरस गेय शब्दों में .बधाई .
कृपया यहाँ भी पधारें
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शनिवार, 12 मई 2012
क्यों और कैसे हो जाता है कोई ट्रांस -जेंडर ?
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http://veerubhai1947.blogspot.in/
मेरा हँसना-गाना सुनकर,
जवाब देंहटाएंतुम कितना सुख पाते हो।
लेकिन मेरा रुदन देख तुम,
दुखित तात हो जाते हो।।
बढ़िया भावानुवाद .सरस गेय शब्दों में .बधाई .
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शनिवार, 12 मई 2012
क्यों और कैसे हो जाता है कोई ट्रांस -जेंडर ?
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http://veerubhai1947.blogspot.in/
कल 17/06/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...आभार
जवाब देंहटाएंफादर्स डे की हार्दिक शुभकामनाएँ
पिता दिवस की शुभकामनाएं
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