रंग-बिरंगी चिड़िया रानी। सबको लगती बहुत सुहानी।। दाना-दुनका चुग कर आती। फिर डाली पर है सुस्ताती। रोज भोर में यह उठ जाती। चीं-चीं का मृदु-राग सुनाती।। फुदक-फुदक कर कला दिखाती। झटपट नभ में यह उड़ जाती।। तिनका-तिनका जोड़-जोड़कर। नीड़ बनाती है यह सुन्दर।। उसमें अण्डों को देती है। तन-मन से उनको सेती है।। अब यह मन ही मन मुस्काती। चूजे पाकर खुश हो जाती।। चुग्गा इनको नित्य खिलाती। दुनियादारी को सिखलाती।। एक समय ऐसा भी आता। जब इसका मन है अकुलाता।। फुर्र-फुर्र बच्चे उड़ जाते। इसका घर सूना कर जाते।। करने लगते हैं मनमानी। चिड़िया की है यही कहानी।। ♥चित्रांकन-प्रांजल शास्त्री♥ |
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बुधवार, 30 मई 2012
"रंग-बिरंगी चिड़िया रानी" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत सुंदर......
जवाब देंहटाएंप्रांजल को बधाई.
सादर.
bahut pyaari baal kavita
जवाब देंहटाएंजीवन दर्शन समझाती है चिड़िया रानी ,बच्चों इसकी सुनो कहानी
जवाब देंहटाएंदिन भर चुगती दाना पानी .बढ़िया प्रस्तुति है -
ram ram bhai
बुधवार, 30 मई 2012
HIV-AIDS का इलाज़ नहीं शादी कर लो कमसिन से
http://veerubhai1947.blogspot.in/
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
कब खिलेंगे फूल कैसे जान लेते हैं पादप ?
बहुत ही सुन्दर कविता..
जवाब देंहटाएंप्रांजल नन्हूँ
जवाब देंहटाएंआशीर्वाद
सुंदर पंक्तिओं ममे पिरोई बाल कविता
करें स्वीकार बधाई
लाओ मेरी मिष्ठान मिठाई
बहुत सुन्दर बाल कविता....आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर बाल रचना सर...
जवाब देंहटाएंसादर बधाई.
बहुत सुन्दर बाल रचना
जवाब देंहटाएंवाह चित्रांकन भी उतना ही सुंदर
जवाब देंहटाएंलाजवाब बाल गीत।
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत...
जवाब देंहटाएंचित्र भी सुंदर...
बधाई !!
सुन्दर चित्रांकन, सुंदर बाल गीत...
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी कविता, बधाई.
जवाब देंहटाएंसुन्दर बाल रचना,बढ़िया चित्रांकन,,,,,,,
जवाब देंहटाएंचिड़िया के बच्चों को तो उड़ ही जाना है !
जवाब देंहटाएंअच्छी बाल कविता !
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंप्राँजल की चिड़िया
भी खुश !!
chitr puraana lagta hai lekin kavitaa bahut sundar aur mohak hai!
जवाब देंहटाएं