घर की वाटिकाओं में हमको, सब्जी-शाक उगाना है। शोषण और कुपोषण से, खुद बचना और बचाना है।। गैया-भैंसों का हमको लालन-पालन करना होगा, अण्डे-मांस छोड़कर, हमको दूध-दही अपनाना है। शोषण और कुपोषण से, खुद बचना और बचाना है।। छाछ और लस्सी कलियुग में अमृततुल्य कहाते हैं, पैप्सी, कोका-कोला को, भारत से हमें भगाना है। शोषण और कुपोषण से, खुद बचना और बचाना है।। दाड़िम और अमरूद आदि, फल जीवन देने वाले हैं, आँगन और बगीचों में, फलवाले पेड़ लगाना है। शोषण और कुपोषण से, खुद बचना और बचाना है।। मानवता के हम संवाहक, ऋषियों के हम वंशज हैं, दुनिया भर को फिर से, शाकाहारी हमें बनाना है। शोषण और कुपोषण से, खुद बचना और बचाना है।। |
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सोमवार, 28 मई 2012
"फल जीवन देने वाले हैं" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत सुंदर......
जवाब देंहटाएंबेहद नेक सलाह.....
सादर.
सुंदर प्रस्तुति,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST ,,,,, काव्यान्जलि ,,,,, ऐ हवा महक ले आ,,,,,
एकदम सही कहा है
जवाब देंहटाएंशाकाहारी चीजे ही गुणकारी और लाभकारी
होती है..
बेहतरीन सन्देश देती रचना...
वाह वाह वाह शिक्षाप्रद सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह बहुत बढ़िया प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंइसी तरह देश का विकास संभव है..
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया ... आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुंदर........
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया जानकारी दी है आपने...आभार!
जवाब देंहटाएंहमने तो अपनी बगिया में फल सब्जियां लगायीं हैं ..:)
जवाब देंहटाएंsundar v sarthak sandesh preshit karti rachna .aabhar
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सोच ..और समाज से सराकोर रखती हुवी...और रचना भी उतनी ही प्यारी
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सोच .. प्यारी रचना
जवाब देंहटाएंवाह बहुत बढिया ...
जवाब देंहटाएंkhoobsoorat rachna guru jee!
जवाब देंहटाएंक्रोध वासना दंभ ने, दीन्हे कष्ट बढ़ाय |
जवाब देंहटाएंमन निर्मल सात्विक बने, शाकाहार उपाय ||
सब से अच्छा भोज है,भैया शाकाहार|
जवाब देंहटाएंदूध और फल,शाक से होगा युग- उद्धार||