नये साल का आगमन, लाया है सौगात। पर्व लोहड़ी में करो, सबसे मीठी बात।। -- कुदरत ने हमको दिया, षड् ऋतुओं का दान। खेतों ने पहना हुआ, पीताम्बर परिधान। -- मास जनवरी में हुआ, परबत पर हिमपात। मूँगफली औ’ रेबड़ी, की बाँटो सौगात।। -- सरदी में अच्छा लगे, खिचड़ी का आहार। तिल के लड़डू खाइए, कहता है त्यौहार।। -- उत्तरायणी-लोहड़ी, देती है सन्देश। थोड़े दिन के बाद में, सुधरेगा परिवेश।। -- झड़बेरी पर छा गये, खट्टे-मीठे बेर। धूप सेंकने कोकिला, बैठ गयी मुंडेर।। -- सरसों फूली खेत में, लहर-लहर लहराय। भ्रमर और मधुमक्खियाँ, गुन-गुन गीत सुनाय।। -- मिलजुल कर सब प्रेम से, भँगड़ा करते लोग। लोहड़ी में उत्साह से, लगा रहे हैं भोग।। -- |
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मंगलवार, 12 जनवरी 2021
दोहे "पर्व लोहड़ी में करो, सबसे मीठी बात" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंलोहड़ी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
बहुत सूंदर दोहे रचे हैं आपने।
मैंने भी अपने वर्षा सिंह ब्लॉग में कुछ दोहे लिखे हैं। यदि आप उन्हें पढ़ कर अपनी बहुमूल्य टिप्पणी दें तो मुझे प्रसन्नता होगी। लिंक निम्नलिखित है -
https://varshasingh1.blogspot.com/2021/01/blog-post.html?m=0
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
आदरणीय वन्दन,
जवाब देंहटाएंलोहड़ी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
उत्तम रचना
बहुत सुन्दर दोहे । लोहड़ी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं🙏
जवाब देंहटाएंबेहतरीन दोहे आदरणीय। लोहड़ी पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐
जवाब देंहटाएंसुंदर दोहे
जवाब देंहटाएंसुंदर दोहे
जवाब देंहटाएंप्रकृति के परिवेश का सुन्दर चित्रण!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंआपको लोहड़ी और मकर सक्रांति की बहुत-बहुत बधाइयां और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएं