--अपने ही जब पीठ पर, करते सतत प्रहार।बैरी की उसको नहीं, दुनिया में दरकार।।--सीधी करता मार जो, वो होता है वीर।चाहे हो परिणाम कुछ, चला दिया है तीर।। |
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--अपने ही जब पीठ पर, करते सतत प्रहार।बैरी की उसको नहीं, दुनिया में दरकार।।--सीधी करता मार जो, वो होता है वीर।चाहे हो परिणाम कुछ, चला दिया है तीर।। |
राहत में देखा बहुत, जब छल का व्यापार।
जवाब देंहटाएंहोकर सजग सुजान ने, छोड़ दिया वो द्वार।।
सुंदर ज्ञान देते दोहे....
जहाँ मान के नाम पर, मिलता हो अपमान।
जवाब देंहटाएंउस दर पर जाना नहीं, कभी माँगने दान।।
आदरणीय, बहुत सुंदर नीतिपरक दोहे
सादर नमन 🙏
वन्दन
जवाब देंहटाएंसीधी करता मार जो, वो होता है वीर।
चाहे हो परिणाम कुछ, चला दिया है तीर।
सत्य कथन
उत्कृष्ट सार्थक दोहे आ0
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