शिव मन्दिर में ला रहे, भक्त आज उपहार। दर्शन करने के लिए, लम्बी लगी कतार।१। -- बेर-बेल के पत्र ले, भक्त चले शिवधाम। गूँज रहा है भुवन में, शिव-शंकर का नाम।२। -- काँवड़ लेकर आ गये, भाई-बहन अनेक। पावन गंगा नीर से, करने को अभिषेक।३। -- जंगल में खिलने लगा, सेमल और पलाश। हर-हर, बम-बम नाद से, गूँज रहा आकाश।४। -- गेँहू बौराया हुआ, सरसों करे किलोल। सुर में सारे बोलते, हर-हर, बम-बम बोल।५। -- शिव जी की त्रयोदशी, देती है सन्देश। ग्राम-नगर का देश का, साफ करो परिवेश।६। -- देवों ने अमृत पिया, नहीं मिला वो मान। महादेव शिव बन गये, विष का करके पान।७। -- नर-वानर-सुर मानते, जिनको सदा सुरेश। विघ्नविनाशक के पिता, जय हो देव महेश।८। -- सच्चे मन से जो करे, शिव-शंकर का ध्यान। उसको ही मिलता सदा, भोले का वरदान।९। -- शंकरमय होने लगे, नगर और देहात। पूरी करती कामना, शिवजी की शिवरात।१०। -- शिवतेरस के पर्व में, रखना धैर्य-विवेक। भक्ति भाव से कीजिए, शिवजी का अभिषेक।११। -- शिव के मन्दिर में चलो, सच्चे मन के साथ।। मनचाहे वरदान को, देते भोलेनाथ।१२। -- शंकर जी के रँग में, रँगे नगर-देहात। आयी खुशियाँ बाँटने, शिवजी की शिवरात।१३। |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
गुरुवार, 11 मार्च 2021
दोहे "महादेव शिव बन गये, विष का करके पान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि &qu...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
ॐ नम: शिवाय
जवाब देंहटाएंसच्चे मन से जो करे, शिव-शंकर का ध्यान।
जवाब देंहटाएंउसको ही मिलता सदा, भोले का वरदान।९।
-- सुंदर दोहे ।
ॐ नमः शिवाय
प्रभु की कृपा हम सब पर बनी रहे
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये सर,सुंदर सृजन सादर नमन आपको
जवाब देंहटाएंशिव जी की महिमा का गुणगान करती अनुपम कृति..आपको सादर शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर व दिव्य भावों से ओतप्रोत मुग्ध करती शिव वंदना - - साधुवाद सह।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पावन सृजन।
जवाब देंहटाएंमोहक रचना।
बहुत सुंदर शिव महिमा। बेहतरीन दोहे आदरणीय।
जवाब देंहटाएंहृदय-विजयिनी शिव-आराधना । अभिनंदन ।
जवाब देंहटाएं