लेकर आयी है शिवरात, बोलो हर-हर, बम-बम..! बोलो हर-हर, बम-बम..!! -- शंकर जी की आई याद, बम भोले के गूँजे नाद, बोलो हर-हर, बम-बम..! बोलो हर-हर, बम-बम..!! -- भूत-पिशाच गणादि साथ, लेकर निकले शिव बारात, बोलो हर-हर, बम-बम..! बोलो हर-हर, बम-बम..!! -- जागा दयानन्द का ज्ञान, भागा तमरूपी अज्ञान, बोलो हर-हर, बम-बम..! बोलो हर-हर, बम-बम..!! -- शिव की लीला अपरम्पार, व्रत-पूजन करता संसार, बोलो हर-हर, बम-बम..! बोलो हर-हर, बम-बम..!! -- पावन गंगा-नीर विशेष, शिवलिंग का होता अभिषेक, बोलो हर-हर, बम-बम..! बोलो हर-हर, बम-बम..!! -- |
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मंगलवार, 9 मार्च 2021
गीत "जागा दयानन्द का ज्ञान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सपना जो पूरा हुआ! सपने तो व्यक्ति जीवनभर देखता है, कभी खुली आँखों से तो कभी बन्द आँखों से। साहित्य का विद्यार्थी होने के नाते...
अति सुन्दर, जय जय शिव शंकर।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।🌻
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत ही सुंदर गीत..बारंबार नमन है..
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