भारतमाता के सुहाग की, जो है पावन बिन्दी।
भोली-भाली सबसे प्यारी, है अपनी भाषा हिन्दी।।
भरी हुई है वैज्ञानिकता, व्यञ्जन और स्वरों में,
उच्चारण में बहुत सरलता, इसके सभी अक्षरों में,
ब्रज-गोकुल में बसी हुई हो, बनकर जो कालिन्दी।
भोली-भाली सबसे प्यारी, है अपनी भाषा हिन्दी।।
सन्तों के कण्ठों से उपजी, मीठी-मीठी सुरसवती हो,
वीणा की झंकार सुनाती, सरस्वती सी सरसवती हो,
शीतल मन्द सुगन्ध पवन सी, तुम बयार हो आनन्दी।
भोली-भाली सबसे प्यारी, है अपनी भाषा हिन्दी।।
अपनी हिन्दी भाषा का, कण-कण वन्दन करता है,
देवनागरी का जन-गण, मन से अभिनन्दन करता है,
इतना होने पर भी इंग्लिश भारत में क्यों जिन्दी?
भोली-भाली सबसे प्यारी, है अपनी भाषा हिन्दी।।
|
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
रविवार, 14 सितंबर 2014
"गीत सुनिए-अपनी भाषा हिन्दी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि &qu...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
बढिया, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर...
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ! हिन्दी-दिवस पर वधाई ! यह देश का दुर्भाग्य है कि भारत की कोइ भी राष्ट्र भाषा ही नहीं है | राज-भाषा दसे जी बहलाया गया है ! सभी मित्रों से आग्रह है कि इस विषय में क्या किया जा सकता है, सलाह दें !
जवाब देंहटाएंReplyDelete
बहुत सुंदर ,हिन्दी-दिवस पर वधाई !
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति । हिंदी दिवस पर शुभकामनाऐं ।
जवाब देंहटाएंसब लोग हिंदी की तुलना दूसरी भाषाओँ के साथ क्यूँ कर रहे है ,,,समझ में नहीं आता
जवाब देंहटाएंइसका मतलब है आप किसी एक भाषा को कमतर बता रहे हो।
माफ़ करना गुरुदेव ये कविता आपके दिल के कोने से नहीं आई लगती मुझे।
बढ़िया .
जवाब देंहटाएंमधुर स्वर में हिंदी का प्रशस्ति गान...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएं