ओम् जय शिक्षा दाता, जय-जय शिक्षा दाता।
जो जन तुमको ध्याता, पार उतर जाता।।
तुम शिष्यों के सम्बल, तुम ज्ञानी-ध्यानी।
संस्कार-सद्गुण को गुरु ही सिखलाता।।
कृपा तुम्हारी पाकर, धन्य हुआ सेवक।
मन ही मन में गुरुवर, तुमको हूँ ध्याता।।
कृष्ण-सुदामा जैसे, गुरुकुल में आते।
राजा-रंक सभी का, तुमसे है नाता।
निराकार है ईश्वर, गुरु-साकार सुलभ।
नीति-रीति के पथ को, गुरु ही बतलाता।।
सद्गुरू यही चाहता, उन्नति शिष्य करे।
इसीलिए तो डाँट लगाकर, दर्शन समझाता।।
श्रीगुरूदेव का वन्दन, प्रतिदिन जो करता।
सरस्वती माता का, वो ही वर पाता।।
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गुरुवार, 4 सितंबर 2014
"शिक्षक वन्दना" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जवाब देंहटाएंBEHTAREEN AARTI GURU KEE, SHASHTRIJI.
जवाब देंहटाएंशिक्षक दिवस की शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंवाह , बहुत ही सुंदर , आ. धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 5 . 9 . 2014 दिन शुक्रवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
शिक्षक दिवस की शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.शिक्षक दिवस की शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंआपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (05.09.2014) को "शिक्षक दिवस" (चर्चा अंक-1727)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।
जवाब देंहटाएंपार उतार दिया जाता भी चल जाता :)
जवाब देंहटाएंजय जय शिक्षक जय जय ।
शिक्षक दिवस की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंशिक्षक दिवस की शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंगुस्सा
गणपति वन्दना (चोका )
शुभकामना के साथ--घर-घर यह आरती गूंजे.
जवाब देंहटाएंसुंदर गुरु आरती।
जवाब देंहटाएंश्रीगुरूदेव का वन्दन, प्रतिदिन जो करता।
जवाब देंहटाएंसरस्वती माता का, वो ही वर पाता।।
सुन्दर शिक्षक वंदना अर्थ गर्भित पथ प्रदर्शक।
जय गुरुदेव ! बहुत उत्तम .>> शुभकामनाएं >>
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