आरती नव दुर्गा तुमको सच्चे मन से ध्याता। दया करो हे दुर्गा माता।। ![]() व्रत-पूजन में दीप-धूप हैं, नवदुर्गा के नवम् रूप हैं, मैं देवी का हूँ उद् गाता। दया करो हे दुर्गा माता।। प्रथम दिवस पर शैलवासिनी, शैलपुत्री हैं दुख विनाशिनी, सन्तति का माता से नाता। दया करो हे दुर्गा माता।। ![]() देवी तुम हो मंगलकारिणी, निर्मल रूप आपका भाता। दया करो हे दुर्गा माता।। बनी चन्द्रघंटा तीजे दिन, मन्दिर में रहती हो पल-छिन, सुख-वैभव तुमसे है आता। दया करो हे दुर्गा माता।। कूष्माण्डा रूप तुम्हारा, भक्तों को लगता है प्यारा, पूजा से संकट मिट जाता। दया करो हे दुर्गा माता।। पंचम दिन में स्कन्दमाता, मोक्षद्वार खोलो जगमाता, भव-बन्धन को काटो माता। दया करो हे दुर्गा माता।। कात्यायनी बसी जन-जन में, आशा चक्र जगाओ मन में, भजन आपका मैं हूँ गाता। दया करो हे दुर्गा माता।। ![]() कालरात्रि की शक्ति असीमित, ध्यान लगाता तेरा नियमित, तव चरणों में शीश नवाता। दया करो हे दुर्गा माता।। महागौरी का है आराधन, कर देता सबका निर्मल मन, जयकारे को रोज लगाता। दया करो हे दुर्गा माता।। ![]() सिद्धिदात्री तुम कल्याणी सबको दो कल्याणी-वाणी। मैं बालक हूँ तुम हो माता। दया करो हे दुर्गा माता।। |
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बुधवार, 13 अक्तूबर 2021
दुर्गा जी की वन्दना "नवदुर्गा के नवम् रूप हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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कुहरे ने सूरज ढका , थर-थर काँपे देह। पर्वत पर हिमपात है , मैदानों पर मेह।१। -- कल तक छोटे वस्त्र थे , फैशन की थी होड़। लेक...
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सपना जो पूरा हुआ! सपने तो व्यक्ति जीवनभर देखता है, कभी खुली आँखों से तो कभी बन्द आँखों से। साहित्य का विद्यार्थी होने के नाते...
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(१४-१०-२०२१) को
'समर्पण का गणित'(चर्चा अंक-४२१७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
जय माता दी, नवरात्रि के पावन पर्व पर सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमाँ दुर्गा के नवरुपों की भक्ति से युक्त सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।
अद्भुत प्रस्तुति।
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