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vaah ..kavita padh kar munh me paani aa gaya hai... jaati hun Freeze tatolne... sundar kavita
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य संस्कार |
जवाब देंहटाएंफलों की बहार |
लू का प्रहार -
हारेगा बार बार |
खाइए मौसमी फल-
मजेदार रसदार ||
बढ़िया सन्देश-
गुरुवर आभार ||
बहुत सार्थक प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंबड़ी रस भरी कविता है !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमुँह में पानी आ गया
जवाब देंहटाएंक्या बात है शास्त्री जी फलों की महिमा काव्यात्मक अंदाज़ में .
जवाब देंहटाएंaadarniy sir
जवाब देंहटाएंbahut hi sahi ye jo prakriti ne hame saare mousam ke anurup phal diye hain yani har mousam me alag -alag v svadishta se bhar pur hame jarur hi khane chahiye.
bahut hi badhiya prastuti
hardik naman
poonam
फिर से चर्चा मंच पर, रविकर का उत्साह |
जवाब देंहटाएंसाजे सुन्दर लिंक सब, बैठ ताकता राह ||
--
शुक्रवारीय चर्चा मंच ।
फलों का मीठापन यूँ ही बना रहे..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंअगर चाहते हो सुख पाना।
जवाब देंहटाएंमौसम के सारे फल खाना।।
ज़रूर खायेंगे,शास्त्री जी.
अच्छी रचना.
श्रीमान जी आपके ब्लाग को ज्वाईन कर लिया है सुन्दर प्रस्तुति है
जवाब देंहटाएंयूनिक तकनीकी ब्लाग
वाह ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं