सागर तट पर देखिए, बीच लग रहे नीक।१। -- तोता-तोती पर चढ़ा, प्रेम-दिवस का रंग। दोनों ही सहला रहे, इक-दूजे के अंग।२। -- प्रेम दिवस में हो रहा, खेल बहुत संगीन। शब्द-ज़ाल में फँस गई, नाजुक उम्र हसीन।३। -- नादानी और भूल से, कभी न करना प्यार। बुरे-भले को सोचकर, करना तुम इकरार।४। -- प्रेम दिवस पर लीजिए, व्रत जीवन में धार। पल-पल प्रतिदिन कीजिए, सच्चा-सच्चा प्यार।५। -- चहक रहे हैं बाग में, कलियाँ-सुमन अनेक। धीरज और विवेक से, चुनना केवल एक।६। -- कंकड़-काँटों से भरी, नहीं राह अनुकूल। लेकर प्रीत कुदाल को, सभी हटाना शूल।७। -- मन-विचार मिल जाय जब, समझो तभी बसन्त। मास-दिवस मधुमास है, समझो आदि न अन्त।८। -- सुख सरिता बहती रहे, धार न हो अवरुद्ध। निशि-दिन प्रेम प्रवाह से, इसको करो समृद्ध।९। -- दिल से मत तजना कभी, प्रीत-रीत उद्गार। सारस से लो सीख तुम, क्या होता है प्यार।१०। -- चिकनी-चुपड़ी देखकर,मत टपकाओ लार। सोच-समझकर ही सदा, देना कुछ उपहार।११। -- पश्चिम की है सभ्यता, प्रेमदिवस का वार। लेकिन अपने देश में, प्रतिदिन प्रेम अपार।१२। -- जीवनभर ना मिट सके, बरसाओ वह रंग। सिखलाओ संसार को, प्रेम-प्रीत के ढंग।१३। -- आडम्बर से युक्त है, प्रेमदिवस का खेल। चमक-दमक में खो गया, अब सुमनों का मेल।१४। |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
सोमवार, 14 फ़रवरी 2022
दोहे "पाश्चात्य प्रेमदिवस का रंग" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि ...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
पाश्चात्य प्रेम को परिभाषित करते उत्कृष्ट दोहे ।
जवाब देंहटाएंमन-विचार मिल जाय जब, समझो तभी बसन्त।
जवाब देंहटाएंमास-दिवस मधुमास है, समझो आदि न अन्त।८।
प्रेम की कितनी सुंदर परिभाषा बन सकती है इससे, मन मिले हों तो सदा वसंत है
हम नौजवान पीढ़ी से क्या शिकवा-गिला करें?
जवाब देंहटाएंहम बुज़ुर्ग ख़ुद भी तो बहुत-कुछ पाश्चात्य सभ्यता के रंग में रंग गए हैं.
नई पीढ़ी प्रेम-वर्जना के पुराने बंधनों को अब कतई स्वीकार नहीं करेगी.
हाँ, प्रेमी-प्रेमिकाओं को इस बात का ख़याल ज़रुर रखना चाहिए कि उन्हें अपने साहसिक अभियानों की आगे चल कर भारी कीमत न चुकानी पड़े.
बहुत ही उम्दा सृजन
जवाब देंहटाएंआडम्बर से युक्त है, प्रेमदिवस का खेल।
जवाब देंहटाएंचमक-दमक में खो गया, अब सुमनों का मेल।
वाकई
प्रेम समय,स्थान का मोहताज नहीं वह तो अनंत है निरंतर है।
How many slots and games can I play? | Wooricasinos
जवाब देंहटाएंThe casino 모바일 벳 365 slots 해외 배팅 are usually powered by Netent software. pci 슬롯 These casinos feature live 먹튀 사이트 먹튀 프렌즈 dealers and casino software and games from Netent. 개집 왕