मुस्काते उपवन में आकर,
चाँदी की संगत में आकर,
लोहा भी इस्पात बन गया।।
अनुरागी विख्यात बन गया।
चाँदी की संगत में आकर,
लोहा भी इस्पात बन गया।।
चाँदी की संगत में आकर,
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बहुत सुंदर वाह !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट नेता चरित्रं
नई पोस्ट अनुभूति
बढ़िया प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंगया अँधेरा-हुआ सवेरा,
जवाब देंहटाएंउखड़ गया है तम का डेरा,
सूरज की किरणों को पाकर,
कितना सुन्दर प्रात बन गया।...... बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
वाह...बहुत सुंदर..
जवाब देंहटाएंभावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना..
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