देशभक्ति के ज़ज़्बे का उत्कर्ष हो सारी दुनिया में पसरा हुआ हर्ष हो। धानी धरती हमेशा रहे उर्वरा, आप सबको मुबारक नया वर्ष हो।। -- देखो फिर से आ गया, नया-नवेला साल। आशाएँ मन में जगीं, सुधरेंगे अब हाल।। -- एक निमिष में हो गया, गया साल इतिहास। होगा नूतन साल में, जीवन में उल्लास।। -- हों सबसे नववर्ष में, अब अच्छे सम्बन्ध। जिससे हो जाये भला, करें वही अनुबन्ध।। -- अपना भारत देश तो, माँगे सबकी खैर। किसी देश से भी कभी, नहीं चाहता बैर।। -- चैन-अमन होते सदा, जीवन के पर्याय। आतंकी आयें नहीं, ऐसे करो उपाय।। |
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शनिवार, 1 जनवरी 2022
एक मुक्तक-कुछ दोहे "आप सबको मुबारक नया वर्ष हो" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(2-1-22) को २0२२ कहता है २०२२(चर्चा अंक4297)पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
--
कामिनी सिन्हा
देशभक्ति से ओतप्रोत सुंदर मुक्तक और दोहे । आप को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
जवाब देंहटाएंआदरणीय डॉ रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी, नमस्ते👏! नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंचैन-अमन होते सदा, जीवन के पर्याय।
आतंकी आयें नहीं, ऐसे करो उपाय।।
बहुत सुंदर और प्रेरक पंक्तियाँ! सादर साधुवाद!--ब्रजेंद्रनाथ
सादर नमस्कार सर।
जवाब देंहटाएंनववर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ।
सादर
सर्व हित कामना करती नए साल की सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंनववर्ष मंगलमय हो!