दो हजार छः से मिला, हिन्दी को उपहार। आज विश्व हिन्दी दिवस, मना रहा संसार।। -- हिन्दी है सबसे सरल, मान गया संसार। वैज्ञानिकता से भरा, हिन्दी का भण्डार।। -- दुनिया में हिन्दीदिवस, भारत की है शान। सारे जग में बन गयी, हिन्दी की पहचान।। -- चारों तरफ मची हुई, अब हिन्दी की धूम। भारतवासी शान से, रहे खुशी में झूम।। -- युगों-युगों से चल रहे, काल-खण्ड औ’ कल्प। देवनागरी का नहीं, दूजा बना विकल्प।। -- गद्य-पद्य से युक्त है, हिन्दी का साहित्य। भाषा के परिवेश में, भरा हुआ लालित्य।। -- अपने प्यारे देश में, समझो तभी सुराज। अपनी भाषा में करे, जब हम अपने काज।। -- हिन्दी के अस्तित्व को, जग करता मंजूर। भारतवासी जा रहे, लेकिन इससे दूर।। -- जैसा लिक्खा जायगा, वैसा बोला जाय। भाषाओं में दूसरी, यह गुण नजर न आय।। -- अँगरेजी का मित्रवर, छोड़ो अब व्यामोह। अपनी भाषा के लिए, करो न ऊहा-पोह।। -- |
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सोमवार, 10 जनवरी 2022
दोहे "आज विश्व हिन्दी दिवस, मना रहा संसार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (११-०१ -२०२२ ) को
'जात न पूछो लिखने वालों की'( चर्चा अंक -४३०६) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
वन्दन
जवाब देंहटाएंयुगों-युगों से चल रहे, काल-खण्ड औ’ कल्प।
देवनागरी का नहीं, दूजा बना विकल्प।।
--
गद्य-पद्य से युक्त है, हिन्दी का साहित्य।
भाषा के परिवेश में, भरा हुआ लालित्य
–बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति
बहुत सुन्दर हिंदी-प्रशस्ति !
जवाब देंहटाएंजिस दिन हिंदीभाषियों के ह्रदय में अपनी भाषा के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी और हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं के सर्वतोमुखी विकास हेतु प्रयत्नशील होंगे, उस दिन हिंदी विश्व की शीर्षस्थ भाषाओं में गिनी जाएगी.
बेहतरीन दोहे।
जवाब देंहटाएंप्रेरक और हिंदी भाषा के उत्थान हित सटीक सुझाव देते अभिनव दोहे।
जवाब देंहटाएंविश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
अति सुन्दर दोहे ।
जवाब देंहटाएंहिन्दी को दोहों के माध्यम से बहुत सुंदरता से परिभाषित किया गया है। सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई आ. मयंक जी!
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