-- पर्व
लोहिड़ी का हमें, देता है सन्देश। मानवता
अपनाइए, सुधरेगा परिवेश।१। -- प्रेम
और सद्भाव से, बनते बिगड़े काज। मूँगफली
के साथ में, बाँटो लड्डू आज।२। -- गुड़
में भरी मिठास है, तिल में होता स्नेह। खाकर
मीठा बोलिए, बना रहेगा नेह।३। -- चारों
ओर भरा हुआ, लोगों में उल्लास। सुधरेगा
परिवेश अब, सबको यह विश्वास।४। -- सरसों
फूली खेत में, गेहूँ करते नृत्य। अपने
रीति-रिवाज से, हम सब करते कृत्य।५। -- बेटी
रत्न अमोल है, कुदरत का उपहार। बेटा-बेटी
में करो, समता का व्यवहार।६। -- दो
पहियों के बिन नहीं, गाड़ी का आधार। नर
का नारी के बिना, सूना है संसार।७। |
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गुरुवार, 13 जनवरी 2022
दोहे "लोहिड़ी-लोगों में उल्लास" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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मनमोहक रचना, आपको लोहड़ी की बहुत-बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंवाह वाह वाह वाह
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