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गुरुवार, 18 जून 2020
"अमर वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई, 243वीं पुण्य तिथि पर, शत-शत नमन"
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नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
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कुहरे ने सूरज ढका , थर-थर काँपे देह। पर्वत पर हिमपात है , मैदानों पर मेह।१। -- कल तक छोटे वस्त्र थे , फैशन की थी होड़। लेक...
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सपना जो पूरा हुआ! सपने तो व्यक्ति जीवनभर देखता है, कभी खुली आँखों से तो कभी बन्द आँखों से। साहित्य का विद्यार्थी होने के नाते...
बहुत सुन्दर रचना.... शक्ति स्वरूपा महारानी लक्ष्मीबाई को कोटि कोटि नमन.... जो शक्ति स्वरूपा हैं उनके आगे महिला सशक्तिकरण शब्द बौना है.....
जवाब देंहटाएंखूब लड़ी मर्दानी थीं वो तो झांसी वाली रानी थी
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