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बाबा के प्रेरणादायी संस्मरणों का सिलसिला अनवरत चलता रहे. यही गुजारिश है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
blog par pahali baar aaana hua .. yah jaankar khushi hui kii aap bhi uttarakhand se hai.. sahity ko blog ke madhyam se samiridh karne ka prayas kar rahe hai....
जवाब देंहटाएंहम बाबा के संस्मरणों से कुछ न कुछ हर बार सीख रहे हैं। आप लिखते रहें।
जवाब देंहटाएंमयंक जी!
जवाब देंहटाएंबाबा नागार्जुन की संस्मरण श्रंखला
रोचक हैं, सच्ची है।
इस क्रम को जारी रखें।
बधाई।
मित्रवर मयंक जी।
जवाब देंहटाएंआप मेरे एम0ए0 के सहपाठी हो।
उन दिनों की जाने कितनी खट्टी-मीठी
यादें मन में समाई हुई हैं।
बाबा नागार्जुन के साथ आपने
मेरा चित्र प्रकाशित किया।
आभारी हूँ।
आपके ही कारण बाबा से मेरा भी
जवाब देंहटाएंपरिचय हो गया था।
मेरी बधाई स्वीकार करें।
DINESH PANDEY
शास्त्री जी ।
जवाब देंहटाएंबाबा का संस्मरण रोचक
तथा प्रेरणा देने वाला है।
बधाई।
सुनो जी!
जवाब देंहटाएंकल को मैं भी बाबा के कुछ
और संस्मरण आपको सुनाऊँगी।
उन्हें भी प्रकाशित कर देना।