ए-के सैंतालीस, अस्त्र-शस्त्र, बेकार सभी हो जायेंगे।
अणु और परमाणु-बम भी, सफल नही हो पायेंगे।।
सागर में डुबो फेंक दो अब, तलवार तोप और भालों को।
सेना में भर्ती कर लो, कुछ खादी वर्दी वालों को।।
शासन से कह दो अब, करना सेना का निर्माण नही।
छाँट-छाँट कर वीर-सजीले, भरती करना ज्वान नही।।
फौजों का निर्माण, शान्त उपवन में आग लगा देगा।
उज्जवल धवल पताका में, यह काला दाग लगा देगा।
नही चाहिए युद्ध-भूमि में, कुछ भी सैन्य सामान हमें।
युद्ध-क्षेत्र में, कर्म-क्षेत्र में, करना है आराम हमें।।
शत्रु नही भयभीत कदापि, तोप, टैंक और गोलों से।
इनको भय लगता है केवल, नेताओं के बोलों से।।
रण-भूमि में कुछ कारीगर, मंच बनाने वाले हों।
लाउड-स्पीकर शत्रु के दिल को दहलाने वाले हों।।
सजे-धजे अब युद्ध-मंच पर, नेता अस्त्र-शस्त्र होंगे।
सिर पर शान्ति-ध्वजा टोपी, खादी के धवल-वस्त्र होंगे।
गोलों की गति से जब नेता, भाषण ज्वाला उगलेंगे।
तरस बुढ़ापे पर खाकर, शत्रु के दिल भी पिघलेंगे।।
मोतिया-बिन्द वाली आँखों से, वैरी नही बच पायेगा।
भारी-भरकम भाषण से ही, जीते-जी मर जायेगा।।
सेना में इन बुड्ढों को, जौहर दिखलाना भायेगा।
युवकों के दिन बीत गये, बुड्ढों का जमाना आयेगा।।
सेना में इन बुड्ढों को, जौहर दिखलाना भायेगा।
जवाब देंहटाएंयुवकों के दिन बीत गये, बुड्ढों का जमाना आयेगा।।
वाह सर जी क्या बात कही है? बधाई..
रामराम..
सागर में डुबो फेंक दो अब, तलवार तोप और भालों को।
जवाब देंहटाएंसेना में भर्ती कर लो, कुछ खादी वर्दी वालों को।।
बिलकुल सही सलाह दी है आपने.
देश को डुबा देगें ये दलाल
जवाब देंहटाएंभाई चन्दन चौहान जी
जवाब देंहटाएंआपने बिल्कुल सही फरमाया।
यही चेताने के लिए यह रचना लगाई हैं।
khoob bahut khoob.
जवाब देंहटाएंप्रिय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंनेताओं पर किया गया व्यंग अच्छा लगा।
इन नेताओं ने ही देश का बेड़ा गर्क किया है।
मयंक जी।
जवाब देंहटाएंहास्य-व्यंग्य की दुनिया में आपका स्वागत है।
मैं भी हास्य-व्यंग्य ही अधिक लिखता हूँ।
आपने नेताओं को युद्धक्षेत्र मे भिजवा कर,
जवाब देंहटाएंउनका सफाया करने का अच्छा मन्त्र सुझाया है। धन्यवाद।
बिलकुल सही सलाह.
जवाब देंहटाएंव्यंग अच्छा लगा।
सब नेताओं को कच्छ की रणभूमि में भेज दो।
जवाब देंहटाएंदेश का भला हो जायेगा।
बधाई।
आदरणीय शास्त्री जी ,
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा और प्रासंगिक व्यंग्य है.
इसे तो हमारे देश के हर खद्दरधारी को पढना चाहिए .
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया .आपकी गीतमय टिप्पणियां मेरा उत्साह बढाती हैं .
हेमंत कुमार
waah ji, aap to Hindi ki shaan hain!
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चाँद, बादल और शाम
गुलाबी कोंपलें
ye nalaayak wahaan bhi raajneeti shuru kar ke apna fayda dekhne lagenge
जवाब देंहटाएंबढ़िया व्यंग लिखा है आपने
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