घबरा-न-ए दिल, कुछ सब्र तो कर, उनको भी ख्याल आता होगा।
आते ही ख्याल, बहारों का, दिल चैन कहाँ पाता होगा।
लबरेज है जो पैमाना-ए-दिल, भरते ही छलक जाता होगा।
गुलशन में निकल जाते होंगे, दिल सोच के, बहलाते होंगे,
लहराता हवाओं में आँचल, खारों में उलझ जाता होगा।
दुनिया ने मेरा उलझा दामन, वीराने मे लाकर छोड़ दिया,
‘बदनाम’ का दिल शायद यूँ ही, खत लिख के बहल जाता होगा।
‘शाम-ए-तन्हाई’ ने कुछ ऐसा काम कर दिया।
जवाब देंहटाएंएक ‘बदनाम’ शायर को सरनाम कर दिया।।
behtreen
जवाब देंहटाएंisme ek vishvaas bhi chhupa hua he.
aour yahi vishvaas is rachna ki jaan he..
बस इसीलिए ये बदनाम हुए.
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